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जॉर्जिया मेलोनी के देश में पढ़ना क्यों पसंद कर रहे हैं भारतीय छात्र? ये हैं 5 मुख्य वजहें

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Study Abroad News: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की बॉन्डिंग के बारे में दुनिया को मालूम है। मेलोनी भारत का हमेशा से ही सपोर्ट करती आई हैं, क्योंकि उन्हें इस देश से लगाव रहा है। ठीक ऐसा ही लगाव भारतीय छात्रों को इटली से भी है, जो यहां पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं। विदेश में पढ़ाई की योजना बना रहे भारतीयों के लिए इटली एक बेहतरीन देश बनकर उभरा है। यहां पढ़ने के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इस वक्त इटली में 6000 के करीब भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इटली अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, मनमोहक नजारों और शानदार शहरों की वजह से छात्रों के बीच पॉपुलर है। हालांकि, मुख्य वजह इटली में मौजूद यूनिवर्सिटी हैं, जो अपनी शानदार पढ़ाई के बूते छात्रों को पढ़ने के लिए आकर्षित कर रही हैं। इतालवी यूनिवर्सिटीज दुनियाभर में सबसे पुराने और सबसे सम्मानित संस्थानों में से हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर वो 5 वजहें क्या हैं, जिनके चलते इटली भारतीयों के बीच पॉपुलर है। (1) ट्यूशन फीस नहीं होनाइटली में कई सारी पब्लिक यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, जो सरकार के फंड के जरिए चलती हैं। इन संस्थानों में पढ़ने पर छात्रों से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। कुछ ऐसे भी संस्थान हैं, जहां नाममात्र ट्यूशन फीस होती है। इस वजह से इटली उन छात्रों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है, जो बिना किसी मोटी रकम को चुकाए शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। (2) स्कॉलरशिप के मौकेभारतीय छात्रों के बीच इटली इसलिए भी पॉपुलर है, क्योंकि यहां पढ़ने पर उन्हें कई सारी स्कॉलरशिप भी मिल जाती हैं। इन स्कॉलरशिप से मिलने वाले अमाउंट के जरिए छात्रों के रहने-खाने का खर्चा कवर हो जाता है। कुछ ऐसी भी स्कॉलरशिप हैं, जिनके जरिए छात्रों को साल के 11 हजार यूरो तक मिलते हैं। ऐसे में स्कॉलरशिप के साथ इटली में पढ़ना आसान हो जाता है। (3) एडमिशन की शर्तें फ्लेक्सिबल होनाइटली की पब्लिक यूनिवर्सिटीज सबको पढ़ाई का मौका देने के लिए जानी जाती हैं। यहां हर तरह के स्टूडेंट्स का स्वागत किया जाता है। कुछ यूरोपीय देशों के कॉलेजों में दाखिले के लिए बहुत अच्छे नंबर या टेस्ट स्कोर चाहिए होते हैं। लेकिन इटली में ऐसा नहीं है। यहां पर औसत नंबरों वाले स्टूडेंट्स भी एडमिशन हासिल कर सकते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन हासिल करने का मौका मिल पाता है। (4) ब्लॉक अकाउंट की जरूरत नहीं होनायूरोप के ज्यादातर देशों में एडमिशन के दौरान ब्लॉक अकाउंट की जरूरत पड़ती है। इसका मतलब है कि छात्रों को एक बड़ा अमाउंट एडमिशन के समय इस अकाउंट में जमा करना होता है, जो ये साबित करता है कि वे पढ़ाई के दौरान इस अमाउंट के जरिए ही अपने खर्चे को कवर करेंगे। इटली में एडमिशन के दौरान इसकी जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में भारतीयों के लिए कम पैसे में पढ़ना संभव हो पाता है। (5) पढ़ाई के बाद काम के अवसरइटली में पढ़ाई पूरी होने के बाद भी यहां छात्रों को काम करने का मौका मिल जाता है। पढ़ाई के बाद मिलने वाला वर्क वीजा स्टूडेंट्स को काम करने और एक्सपीरियंस हासिल करने का मौका देता है। भारत और इटली के बीच एक समझौते के मुताबिक, भारतीय स्टूडेंट्स को पढ़ाई खत्म होने के बाद एक साल तक इटली में रहने की इजाजत मिल सकती है।
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