पटना: बिहार में मौसम ने अपना भीषण रूप दिखाया है। गर्मी से लोगों की हालत खराब होने लगी है। गर्म हवा लोगों को परेशान करने लगी है। उसके अलावा शाम होते ही उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं। मानसून अभी बहुत दूर है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान और चेतावनी में कहा है कि वर्तमान सिनॉप्टिक परिस्थितियां और मौसम विभाग के संख्यातक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार 22 अप्रैल से 25 अप्रैल के दौरान राज्य के दक्षिण एवं पश्चिम मध्य भागों के अधिकांश स्थानों पर हीट वेव तथा उष्ण रात्रि होने की संभावना है। तापमान 42 डिग्री के पार मौसम विभाग ने ये भी कहा है कि इस दौरान तापमान में 4 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। विभाग के मुताबिक क्षोभमंडल के निचले स्तर पर नमी की मात्रा अधिक होने तथा तापमान में वृद्धि के संयुक्त प्रभाव से महसूस होने वाली तापमान वास्तविक तापमान से अधिक होगी। मंगलवार को लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। बीते दो दिनों में तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी गई है। पारा 42 डिग्री के पार चला गया है। मौसम विभाग ने इसे महज बस स्टार्ट बताया है। बाद की स्थिति और भी भयावह होने की आशंका है। मौसम विभाग अनुमानबिहार राज्य मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को प्रदेश के 31 जिलों में हॉट डे और उमस भरी गर्मी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस सप्ताह हीट वेव, हॉट नाइट और हॉट डे की स्थिति बनी रहेगी। मौसम के जानकारों की मानें, तो लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। दोपहर 12 बजे और शाम के 4 बजे घर से बाहर निकलने से परहेज करने की हिदायत दी गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर पश्चिम राजस्थान से लेकर बांग्लादेश तक एक पूर्व पश्चिम द्रोणिका बनी हुई है। जिसकी वजह से गर्म हवाएं बिहार की ओर आ रही हैं। गर्मी से राहत नहींमौसम विभाग के मुताबिक 24 अप्रैल से एक नई पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। उसके बाद गर्मी और बढ़ जाएगी। बिहार में पारा 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा तापमान 21 अप्रैल को डेहरी में दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में गर्मी और उमस से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक आनंद शंकर ने बताया कि बुजुर्ग, बच्चे और बीमार व्यक्ति गर्मी के शिकार हो सकते हैं। विभाग की चेतावनीउसके अलावा विभाग ने कहा है कि गर्मी के जोखिम से बचने के लिए छायादार स्थान का सहारा लें। निर्जलीकरण से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। यदि आप बाहर काम करते हैं, तो टोपी और छतरी का प्रयोग करें। अपने सिर, गर्दन और चेहरे के अंगों पर एक नम कपड़े का प्रयोग करें। तीव्र उष्ण लहर के जिलों में फसल, सब्जी, पशु और पक्षियों पर प्रभाव पड़ सकता है।
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