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दफ्तर में 'काम के बोझ' से लड़की की मौत, मां की चिट्ठी झकझोर देगी, सरकार ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली : कोच्चि की रहने वाली एक 26 साल की लड़की की मौत पर हंगामा मचा हुआ है। अन्ना सेबेस्टियन 'अर्न्स्ट ऐंड यंग इंडिया' में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट काम करती थीं। उनकी मां का आरोप है कि काम का ज्यादा बोझ की वजह से कार्डिएक अरेस्ट से उनकी बेटी की मौत हुई है। कंपनी की तरफ से कोई उसके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हुआ। मामले को तूल पकड़ता देख केंद्र सरकार ने लड़की की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है।अन्ना की मां अनीता ऑगस्टाइन ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि अन्ना EY में शामिल होने के सिर्फ चार महीने बाद ही चल बसीं। उन्होंने कंपनी के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कर्मचारियों पर बहुत ज्यादा दबाव डालता है और उनकी सेहत को नजरअंदाज करता है। केंद्र सरकार ने दिए जांच के आदेशश्रम मंत्रालय ने अब पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'अन्ना सेबेस्टियन पेरयिल के निधन से बहुत दुखी हूं। असुरक्षित और शोषणकारी कामकाजी माहौल के आरोपों की गहन जांच की जा रही है। हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और श्रम मंत्रालय ने शिकायत पर आधिकारिक रूप से कार्रवाई शुरू कर दी है।' यह मामला तब और गरमा गया जब बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने अन्ना की मौत को 'बहुत दुखद और कई स्तरों पर चिंताजनक' बताया और EY इंडिया में शोषणकारी कामकाजी माहौल के आरोपों की जांच की मांग की। लड़की की मां का खत सोशल मीडिया पर हुआ वायरलअन्ना की मां अनीता ने अपने खत में जोर देकर कहा है कि मामला सिर्फ उनकी बेटी तक सीमित नहीं है बल्कि हर उस कर्मचारी से जुड़ा है जिन्हें कार्यस्थल पर गैर-वाजिब उम्मीदों का सामना करना पड़ता है। उनका खत सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है।अनीता ऑगस्टाइन ने खत में लिखा है, 'मैं एक दुखी मां के रूप में यह पत्र लिख रही हूं, जिसने अपनी प्यारी बेटी अन्ना सेबेस्टियन पेरयिल को खो दिया है। मेरा दिल भारी है, और मेरी आत्मा इन शब्दों को लिखते हुए बिखर गई है, लेकिन मेरा मानना है कि हमारी कहानी को साझा करना जरूरी है ताकि किसी अन्य परिवार को उस दर्द से न गुजरना पड़े जिससे हम गुजर रहे हैं।' उन्होंने आगे लिखा, 'EY उसकी पहली नौकरी थी, और वह इतनी प्रतिष्ठित कंपनी का हिस्सा बनकर रोमांचित थी। लेकिन चार महीने बाद, 20 जुलाई, 2024 को मेरी दुनिया तबाह हो गई जब मुझे यह विनाशकारी खबर मिली कि अन्ना का निधन हो गया है। वह सिर्फ 26 साल की थी।' अनीता ने बताया कि अन्ना एक होनहार छात्रा थीं जिन्होंने अपनी पढ़ाई में हमेशा टॉप किया और चार्टर्ड अकाउंटेंसी की कठिन परीक्षा भी अच्छे नंबरों से पास की।उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ़्तों से अन्ना सीने में जकड़न की शिकायत कर रही थीं, खासकर रात में देर से (लगभग 1 बजे) अपने पीजी पहुंचने पर। 6 जुलाई को जब अन्ना के माता-पिता पुणे में उनके CA दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे, तो उन्होंने अन्ना को अस्पताल ले जाने का फैसला किया। बेटी की मौत पर मां का खत झकझोर देगाअनीता ने खत में आगे लिखा है, 'उसका ECG सामान्य था, और हृदय रोग विशेषज्ञ ने हमारे डर को दूर करने के लिए हमारे पास आए, और हमें बताया कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है और वह बहुत देर से खाना खा रही है। ...हालांकि हम कोच्चि से पूरे रास्ते आए थे, उसने डॉक्टर को दिखाने के बाद काम पर जाने पर जोर दिया, यह कहते हुए कि बहुत काम करना है और उसे छुट्टी नहीं मिलेगी। उस रात, वह फिर देर से अपने पीजी लौट आई। रविवार, 7 जुलाई को उसके दीक्षांत समारोह के दिन, वह सुबह हमारे साथ शामिल हुई, लेकिन वह उस दिन भी दोपहर तक घर से काम कर रही थी, और हम देर से दीक्षांत समारोह स्थल पर पहुंचे।'अनीता ऑगस्टाइन का खत झकझोर कर रख देने वाला है। उन्होंने लिखा ह, 'यह मेरी बेटी का बहुत बड़ा सपना था कि वह अपने माता-पिता को अपनी मेहनत की कमाई से अपने दीक्षांत समारोह में ले जाए। उसने हमारे हवाई जहाज के टिकट बुक किए और हमें ले गई। आपको यह बताते हुए मेरा दिल टूट रहा है कि उन दो दिनों में भी, जो हम अपने बच्चे के साथ बिताने वाले आखिरी दिन थे, काम के दबाव के कारण वह उनका आनंद नहीं ले सकी।'उन्होंने आगे लिखा है, 'उनके असिस्टेंट मैनेजर ने एक रात उन्हें एक काम के सिलसिले में फोन किया, जिसे अगली सुबह तक पूरा किया जाना था, जिससे उन्हें आराम करने या ठीक होने के लिए मुश्किल से समय बचा था। जब उसने अपनी चिंता जाहिर की, तो उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया, 'तुम रात में काम कर सकती हो, हम सब यही करते हैं।' काम के बोझ को बताया बेटी की मौत का जिम्मेदारअनीता ने आगे लिखा है, 'अन्ना पूरी तरह से थकी हुई अपने कमरे में लौट आती थी, कभी-कभी तो बिना कपड़े बदले ही बिस्तर पर गिर जाती थी। फिर और रिपोर्ट मांगने वाले संदेशों की बौछार हो जाती थी। वह समय सीमा को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत कर रही थी, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही थी। वह हार मानने वाली नहीं बल्कि पूरी तरह से एक योद्धा थी। हमने उसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह सीखना और नया अनुभव हासिल करना चाहती थी। हालांकि, भारी दबाव उसके लिए भी बहुत ज़्यादा साबित हुआ।'अन्ना जिन लोगों के साथ काम करती थी, उनमें से कोई भी उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। अन्ना की मां ने लिखा, 'EY से कोई भी अन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। ऐसे महत्वपूर्ण समय पर अनुपस्थिति, एक ऐसे कर्मचारी के लिए जिसने अपनी अंतिम सांस तक आपके संगठन को अपना सब कुछ दे दिया, बहुत ही दुखद है। अन्ना इसके लायक नहीं थी, और न ही वे सभी कर्मचारी जो इन परिस्थितियों में काम करना जारी रखते हैं।' कंपनी ने भी मौत पर जताया दुखदूसरी तरफ, ईवाई ने अन्ना की मौत पर दुख जताया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के एक सवाल के जवाब में ईवाई ने कहा है कि वे अन्ना के "दुखद और असामयिक निधन" से "बेहद दुखी" हैं। EY ने कहा, 'हम परिवार के साथ हुए पत्राचार को पूरी गंभीरता और विनम्रता के साथ ले रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों की सेहत को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं और भारत में EY मेंबर फ़र्म में काम करने वाले हमारे 1,00,000 लोगों के लिए एक स्वस्थ कार्यस्थल को बेहतर बनाने और उसे मुहैया कराने के तरीके खोजते रहेंगे।'EY ने कहा, 'अन्ना पुणे में EY ग्लोबल की एक मेंबर फर्म, एस आर बटलीबोई में ऑडिट टीम का हिस्सा थीं और उन्होंने 18 मार्च, 2024 को फ़र्म जॉइन की थी। वह सिर्फ़ चार महीने के लिए ही हमारे साथ रहीं। इस तरह से उनके होनहार करियर का ख़त्म होना हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हालांकि इस दुख की घड़ी में परिवार को हुए नुकसान की भरपाई कोई उपाय नहीं कर सकता है, लेकिन हमने हमेशा की तरह हर संभव सहायता प्रदान की है और आगे भी करते रहेंगे।'
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