पटना: बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई की देर रात एक बड़ी घटना घटी। मशहूर बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे अपने घर के बाहर अपनी गाड़ी से उतर रहे थे, तभी एक अपराधी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक समीक्षा बैठक की। नीतीश कुमार ने कहा कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इधर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमला कर रही हैं। उनका कहना है कि बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है। नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
गोपाल खेमका हत्याकांड को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश कुमार के साथ पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल थे। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ें और उन्हें कड़ी सजा दें। नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस बारे में जानकारी दी।
नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर क्या कहा?
उन्होंने लिखा, '1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। घटित आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी लाने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी मुस्तैदी एवं कड़ाई से कार्य करने का निर्देश दिया है।'
कांग्रेस ने मांगा नीतीश कुमार से इस्तीफा
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खेमका परिवार ने घटना के बाद सीनियर SP, DSP और स्थानीय थाने में फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया गया, जिन्होंने फोन उठाया। उन्हें बताया गया कि पुलिस जवाब नहीं दे रही है और उन्हें मदद की ज़रूरत है।
राजेश कुमार ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को फोन करने के तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। उन्होंने नीतीश कुमार के शासन को बीमार बताया और मांग की कि नीतीश कुमार और NDA गठबंधन को इस मुद्दे पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की।
हर महीने व्यापारियों की हत्या हो रही, इसे जंगलराज क्यों नहीं कह सकते: तेजस्वी
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पटना में थाने से कुछ ही कदम दूर, बिहार के एक प्रमुख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई! उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन इसे जंगल राज क्यों नहीं कहा जा सकता? उन्होंने मीडिया मैनेजमेंट और परसेप्शन मैनेजमेंट पर भी सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि 'बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन हम इसे जंगल राज नहीं कह सकते? क्योंकि यही तो शास्त्रों में मीडिया मैनेजमेंट, परसेप्शन मैनेजमेंट और इमेज मैनेजमेंट कहते हैं।'
लालू के 'जंगल राज' और नीतीश के 'राज' में कोई अंतर नहीं: प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि लालू यादव के जंगल राज और नीतीश कुमार के राज में कोई अंतर नहीं है। लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है। उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह का भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति थी, वह आज भी वैसी ही है।
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प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना में इतने बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने सीवान में हुई तीन लोगों की हत्या का भी जिक्र किया और कहा कि यह रोज की बात है। उन्होंने इसे अधिकारियों का राज बताया, जो अपनी मर्जी से काम चला रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, 'लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है।'
गोपाल खेमका हत्याकांड को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश कुमार के साथ पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल थे। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ें और उन्हें कड़ी सजा दें। नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस बारे में जानकारी दी।
नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर क्या कहा?
उन्होंने लिखा, '1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। घटित आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी लाने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी मुस्तैदी एवं कड़ाई से कार्य करने का निर्देश दिया है।'
1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। घटित आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 5, 2025
कांग्रेस ने मांगा नीतीश कुमार से इस्तीफा
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खेमका परिवार ने घटना के बाद सीनियर SP, DSP और स्थानीय थाने में फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया गया, जिन्होंने फोन उठाया। उन्हें बताया गया कि पुलिस जवाब नहीं दे रही है और उन्हें मदद की ज़रूरत है।
#GopalKhemka हत्याकांड को लेकर कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष राजेश कुमार ने #nitishkumar पर हमला बोलते हुए सीएम से इस्तीफा मांग लिया। राजेश कुमार ने कहा कि सरकार आपसे नहीं चल रही है तो आप पद से इस्तीफा दे दो। ये आपके लोग हैं। #NBTBihar #Congress pic.twitter.com/6VczB3U693
— NBT Bihar (@NBTBihar) July 5, 2025
राजेश कुमार ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को फोन करने के तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। उन्होंने नीतीश कुमार के शासन को बीमार बताया और मांग की कि नीतीश कुमार और NDA गठबंधन को इस मुद्दे पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की।
हर महीने व्यापारियों की हत्या हो रही, इसे जंगलराज क्यों नहीं कह सकते: तेजस्वी
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पटना में थाने से कुछ ही कदम दूर, बिहार के एक प्रमुख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई! उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन इसे जंगल राज क्यों नहीं कहा जा सकता? उन्होंने मीडिया मैनेजमेंट और परसेप्शन मैनेजमेंट पर भी सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि 'बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन हम इसे जंगल राज नहीं कह सकते? क्योंकि यही तो शास्त्रों में मीडिया मैनेजमेंट, परसेप्शन मैनेजमेंट और इमेज मैनेजमेंट कहते हैं।'
लालू के 'जंगल राज' और नीतीश के 'राज' में कोई अंतर नहीं: प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि लालू यादव के जंगल राज और नीतीश कुमार के राज में कोई अंतर नहीं है। लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है। उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह का भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति थी, वह आज भी वैसी ही है।
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प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना में इतने बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने सीवान में हुई तीन लोगों की हत्या का भी जिक्र किया और कहा कि यह रोज की बात है। उन्होंने इसे अधिकारियों का राज बताया, जो अपनी मर्जी से काम चला रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, 'लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है।'
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