नई दिल्ली : अगर आप भी मार्केट से 180 से 200 रुपये किलो तक का पनीर खरीदते हैं तो सावधान हो जाइए। केमिकल और एक्रेलिक कलर के इस्तेमाल से बनाकर दिल्ली एनसीआर में सप्लाई के लिए लाया गया 14 क्विंटल पनीर सेक्टर-63 पुलिस ने पकड़ा है। साथ ही पिकअप चालक समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पुलिस की टीम अलीगढ़ के सहजपुरा में फैक्ट्री तक गई और छापेमारी कर भारी मात्रा में पनीर बनाने का केमिकल, कलर समेत अन्य सामान बरामद किया।
सूचना के बाद आरोपी हुए गिरफ्तार
डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन सिंह ने बताया कि पुलिस ने सूचना के बाद सेक्टर-63 से पिकअप से पनीर के साथ चालक गुलफाम, नावेद और इकलाख को पकड़ा गया। पूछताछ में सहजपुरा, अलीगढ़ में फैक्ट्री चलने की बात सामने आई तो वहां भी कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री संचालक गुड्डू को गिरफ्तार किया गया। उसका भाई अफसर फरार है। टीम उसकी तलाश में लगी है।
असली या नकली पहचानना मुश्किल फैक्ट्री से केमिकल, बीन्स, पॉम ऑयल, मशीन, एक्रेलिक कलर की डिब्बी बरामद हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दो तरीके से पनीर तैयार करते हैं। पहले में कई प्रकार के अनाज के साथ बिना क्रीम के दूध को मिक्स कर पनीर बनता है। इसे सफेद रंग देने के लिए एक्रेलिक कलर मिलाते हैं। इससे बनने वाले पनीर को मार्केट में 180 रुपये किलो तक बेचा जाता है। दूसरे तरीके से बनने वाला पनीर सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है। फैक्ट्री में केमिकल के साथ पॉम ऑयल और मिल्क पाउडर मिक्स किया जाता है। केमिकल और दूसरे प्रॉडक्ट के कारण इसे मार्केट में 220 रुपये किलो तक बेचा जाता है। पनीर देखने में बिल्कुल असली लगता है और काफी सॉफ्ट भी होता है। ऐसे में देखकर अंतर कर पाना काफी मुश्किल होता है।
6 महीने से कर रहे थे नकली पनीर सप्लाई
पुलिस के अनुसार, गुड्डू और अफसर ने करीब 6 महीने पहले खेत में फैक्ट्री शुरू की थी। वे हर 3 दिन में एनसीआर में पनीर सप्लाई करते थे। हर खेप में औसतन 14 से 15 क्विंटल पनीर होता था। आरोपियों ने इस दौरान 50 बार से अधिक पनीर की सप्लाई की। कॉलोनियों की लोकल शॉप में वे पनीर पहुंचाते थे, जहां सस्ता होने के कारण काफी बिकता है। पनीर दुकानों पर भी कम कीमत में दिया जाता था।
जांच के लिए भेजे गए सैंपल
केमिकल और अन्य प्रकार का सामान मिलने के बाद यह तो साफ हो गया पनीर नकली है और केमिकल व दूसरे हानिकारक सामान से तैयार किया जाता है। हालांकि, जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने सैंपल लेकर जांच के लिए आगरा भेजा है।
किडनी और लिवर के लिए नुकसानदेह
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के पनीर का लगातार सेवन करने से पेट संबंधित दिक्कतें, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी की दिक्कत हो सकती है। केमिकल से तैयार हुआ पनीर किडनी और लिवर को भी दिक्कत दे सकता है। सस्ते के चक्कर में इस प्रकार का पनीर खाने से बचना चाहिए।
घर में ऐसे चेक करें पनीर असली या नकली
सूचना के बाद आरोपी हुए गिरफ्तार
डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन सिंह ने बताया कि पुलिस ने सूचना के बाद सेक्टर-63 से पिकअप से पनीर के साथ चालक गुलफाम, नावेद और इकलाख को पकड़ा गया। पूछताछ में सहजपुरा, अलीगढ़ में फैक्ट्री चलने की बात सामने आई तो वहां भी कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री संचालक गुड्डू को गिरफ्तार किया गया। उसका भाई अफसर फरार है। टीम उसकी तलाश में लगी है।
असली या नकली पहचानना मुश्किल फैक्ट्री से केमिकल, बीन्स, पॉम ऑयल, मशीन, एक्रेलिक कलर की डिब्बी बरामद हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दो तरीके से पनीर तैयार करते हैं। पहले में कई प्रकार के अनाज के साथ बिना क्रीम के दूध को मिक्स कर पनीर बनता है। इसे सफेद रंग देने के लिए एक्रेलिक कलर मिलाते हैं। इससे बनने वाले पनीर को मार्केट में 180 रुपये किलो तक बेचा जाता है। दूसरे तरीके से बनने वाला पनीर सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है। फैक्ट्री में केमिकल के साथ पॉम ऑयल और मिल्क पाउडर मिक्स किया जाता है। केमिकल और दूसरे प्रॉडक्ट के कारण इसे मार्केट में 220 रुपये किलो तक बेचा जाता है। पनीर देखने में बिल्कुल असली लगता है और काफी सॉफ्ट भी होता है। ऐसे में देखकर अंतर कर पाना काफी मुश्किल होता है।
6 महीने से कर रहे थे नकली पनीर सप्लाई
पुलिस के अनुसार, गुड्डू और अफसर ने करीब 6 महीने पहले खेत में फैक्ट्री शुरू की थी। वे हर 3 दिन में एनसीआर में पनीर सप्लाई करते थे। हर खेप में औसतन 14 से 15 क्विंटल पनीर होता था। आरोपियों ने इस दौरान 50 बार से अधिक पनीर की सप्लाई की। कॉलोनियों की लोकल शॉप में वे पनीर पहुंचाते थे, जहां सस्ता होने के कारण काफी बिकता है। पनीर दुकानों पर भी कम कीमत में दिया जाता था।
जांच के लिए भेजे गए सैंपल
केमिकल और अन्य प्रकार का सामान मिलने के बाद यह तो साफ हो गया पनीर नकली है और केमिकल व दूसरे हानिकारक सामान से तैयार किया जाता है। हालांकि, जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने सैंपल लेकर जांच के लिए आगरा भेजा है।
किडनी और लिवर के लिए नुकसानदेह
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के पनीर का लगातार सेवन करने से पेट संबंधित दिक्कतें, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी की दिक्कत हो सकती है। केमिकल से तैयार हुआ पनीर किडनी और लिवर को भी दिक्कत दे सकता है। सस्ते के चक्कर में इस प्रकार का पनीर खाने से बचना चाहिए।
घर में ऐसे चेक करें पनीर असली या नकली
- असली और नकली पनीर दिखने में एक जैसे हो सकते हैं, लेकिन उनकी प्रॉपर्टी में काफी अंतर होता है। घर में पनीर लेकर आने के बाद किसी बर्तन में लें। अगर पनीर कलर बदल रहा है तो वह असली है। उसके पिघलने से पता चलेगा कि वह नकली पनीर है।
- घर में मौजूद अरहर की दाल से भी इसकी जांच कर सकते हैं। पनीर को उबालकर ठंडे पानी में डालें। अरहर की दाल का चूरा डालने से अगर उसका रंग बदलता है तो पनीर वह नकली है।
- पनीर पर आयोडिन टिंचर भी डाल सकते हैं। नकली पनीर का रंग नीला हो जाएगा।
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