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टीईटी की अनिवार्यता से परेशान होकर हमीरपुर में टीचर ने लगाई फांसी, सता रहा था नौकरी जाने का डर

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हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। राठ कोतवाली क्षेत्र में एक सरकारी टीचर ने टीईटी की अनिवार्यता से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। टीचर का शव उसके दूसरे घर में फांसी के फंदे पर मिला। इस मामले की जानकारी तब हुई जब बेटा उनकी तलाश करते हुए वहां पहुंचा था। बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से टीचर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर परेशान चल रहे थे और नौकरी से निकाले जाने का डर सता रहा था।



बता दें कि हाल में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत पांच साल शेष नौकरी वाले सभी टीचर (शिक्षकों) को टीईटी पास करना होगा। ऐसा नहीं होने पर उन्हें नौकरी से इस्तीफा देना पड़ेगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपलसरी रिटायरमेंट) लेनी होगी। इस मामले को लेकर प्रदेशभर के लाखों शिक्षक प्रभावित होने वाले है। इसी बीच हमीरपुर के एक शिक्षक ने डर के चलते आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया।



महोबा के स्कूल में थी तैनातीजानकारी के मुताबिक राठ के सैना रोड दीवानपुर निवासी गनेशीलाल सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। फिलहाल उनकी तैनाती महोबा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में थी। बेटे अनुरागी ने बताया कि पिता कुछ दिन पहले पिंडदान के लिए गया जी गए थे। शुक्रवार को ही घर वापस लौटे थे, लेकिन शनिवार सुबह से ही उठकर कहीं लापता हो गए।



बेटे अनुरागी ने उनकी तलाश शुरू की। कुछ पता नहीं चलने पर वो अपने दूसरे घर अतरौलिया पहुंचा। अंदर उसने पिता का शव बिजली के तार के जरिए लटकते हुए देखा। बेटे ने बताया कि कोर्ट से टीईटी पास करने की अनिवार्यता का आदेश आने के बाद से ही काफी परेशान चल रहे थे। उन्हें इस उम्र में नौकरी जाने का डर सताने लगा था। वहीं इससे पहले महोबा में एक अन्य शिक्षक मनोज साहू ने कोर्ट के आदेश से डरकर आत्महत्या कर ली थी।

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