पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के एक साथी ने 'मोदी परिवार' छोड़ दिया है। डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती पर सोमवार को पटना के बापू सभागार में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने 'संकल्प महासम्मेलन' के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए से संबंध तोड़ने की घोषणा की। पशुपति पारस ने अपने संबोधन में साफ कहा, 'मैं एनडीए से नाता तोड़ने की घोषणा करता हूं।' रालोजपा प्रमुख पारस ने इस अवसर पर केंद्र सरकार पर दलित और अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाया और बिहार सरकार पर पासवान जाति की उपेक्षा का मुद्दा उठाया। जो उचित सम्मान देगा उसके साथ गठबंधन: पशुपति पारसउन्होंने बताया कि रालोजपा अब बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर खुद को मजबूत करेगी और उस गठबंधन का हिस्सा बनेगी, जो उन्हें उचित सम्मान देगा। उन्होंने एक नए राजनीतिक आंदोलन की तैयारी की बात भी कही, जो दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए केंद्रित होगा। केंद्र और राज्य सरकार पर पारस ने लगाए गंभीर आरोपरालोजपा प्रमुख ने वक्फ संपत्तियों से जुड़े संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने चौकीदार और दफादार बहाली में पासवान समुदाय की उपेक्षा की है। उन्होंने केंद्र से रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की भी मांग की। रालोजपा का लक्ष्य: जनता के वोट से जनता की सरकारपार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि हर कार्यकर्ता पार्टी की ताकत है। उन्होंने विश्वास जताया कि रालोजपा आने वाले विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएगी और जनता के लिए काम करने वाली सरकार बनाएगी।
You may also like
8 जून को पटना में सुढ़ी अधिकार रैली का आयोजन
Emily Ratajkowski ने Blue Origin मिशन पर उठाए सवाल
Vivo X200 Ultra लॉन्च होने से पहले फीचर्स हुए, ऐसा कैमरा जो बदल देगा आपका फोटो गेम
IPL 2025: 'आप हर्षित राणा का ब्राउजर नहीं खोल सकते' वैभव और रमनदीप ने उड़ाया केकेआर के स्टार गेंदबाज का मजाक
लोकसभा की तुलना में विधानसभा चुनाव में एनडीए की ज्यादा बड़ी होगी जीत : संजय झा