ऋषि सेंगर, लखनऊ: लखनऊ के माल क्षेत्र में पत्नी की हत्या के बाद फरार हुए पति ने बाग में फांसी लगाकर जान दे दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। उन्नाव के औरास स्थित तलवा पिछवारा गांव निवासी सीमा की शादी करीब 10 साल पहले पकरा बाजार गांव के रवि से हुई थी। उनकी दो बेटियां पलक (4) व पायल (8) हैं।
करीब आठ महीने से रवि पत्नी, बेटियों व ससुरालीजनों के साथ चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी कर रहा था। 24 जुलाई को वह पत्नी सीमा और छोटी बेटी पलक के साथ गांव लौटा था। बड़ी बेटी पायल नानी के साथ चंडीगढ़ में रुक गई थी। रविवार सुबह करीब 8:30 बजे मामूली विवाद को लेकर रवि ने पत्नी सीमा के सिर पर ईंट से वार करके उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद मौके से नंगे पैर फरार हो गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने साक्ष्य एकत्र किए थे।
पुलिस टीम आरोपी रवि की तलाश में जुट गई थी। पुलिस ने उसके रिश्तेदार और करीबियों के घर पर भी दबिश दी थी। उसका कुछ पता नहीं चला था। सोमवार सुबह रवि के घर से एक किलोमीटर की दूरी पर अकबरपुर गांव में हरिनाथ दीक्षित के आम के बाग में रामू नाम का एक ग्रामीण किसी काम से गया था। उसने देखा कि रवि का शव पेड़ से लटका हुआ है।
उसने ग्रामीणों और रवि के परिवारीजनों को सूचना दी। मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। थोड़ी देर में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक रवि के शरीर पर सिर्फ अंडरवियर था। उसने अपने पैंट और शर्ट से फांसी का फंदा बनाया था। पुलिस ने फरेंसिक टीम के साथ मिलकर मौके से साक्ष्य एकत्र किए। इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया।
दोपहर के बाद की आत्महत्या
पुलिस के मुताबिक रवि के शव को फंदे से उतारा गया तो काफी बदबू आ रही थी। पुलिस कयास लगा रही है कि रवि ने पत्नी की हत्या के बाद घर से भागने के कुछ घंटे बाद ही बाग में फांसी लगा कर जान दे दी। ग्रामीणों को कहना है कि पत्नी की हत्या के बाद जिस तरह से घबरा कर आरोपी रवि भागा था, उससे यही लग रहा था कि वह कहीं खुदको भी कुछ कर न लें। ग्रामीणों ने अपने स्तर से भी उसकी तलाश की थी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका था। पुलिस के मुताबिक रवि भागने के बाद भेलीयापुरवा गांव में कुछ देर के लिए रुका था। वह चुपके से दोपहर बाद अकबरपुर गांव निवासी हरीनाथ दीक्षित के बाग में पहुंचा था।
बीमार बहनोई से मिलने आया था
ग्रामीणों ने बताया कि रवि के बहनोई राम भजन की तबीयत खराब चल रही थी। वह उसको देखने के लिए ही गांव आया था। बेटी की मौत की सूचना के बाद चंडीगढ़ में रह रही मां सरोज माल पहुंची। उनके साथ सीमा की बड़ी बेटी पायल भी थी। उन्होंने बिलख रहीं दोनों नातिन को गले से लगाया।
बैंक में जमा रुपये की शराब पीने को लेकर होता था विवाद
सीमा और रवि के शवों का सोमवार को पोस्टमॉर्टम शाम को पूरा हो सका। परिवारीजन दोनों के शवों को लेकर शाम करीब 6:15 बजे घर पहुंचे। माता-पिता के शव देख कर दोनों बेटियां रोने लगीं। परिवारीजनों और ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं। गांव में सन्नाटा सा छा गया था।
परिवारीजनों ने बताया कि तीन वर्ष पहले रवि ने अपनी जमीन 18 लाख रुपये में बेची थी। रुपये उसने पत्नी सीमा के बैंक खाते में जमा कर दिए थे। कुछ रुपये बैंक से निकाल कर मकान बनवाया था। पत्नी के खाते में मौजूद रुपये को वह धीरे-धीरे शराब में उड़ा रहा था। सीमा इसका विरोध करती थी। बैंक में जमा रुपये को लेकर ही दोनों में अक्सर विवाद भी होता था।
मां को कहीं ले गया था, इसके बाद वह नहीं लौटीं
ग्रामीणों ने बताया कि रवि कई वर्ष पहले अपनी मां को कहीं लेकर गया था। वह घर वापस पहुंचा था, लेकिन उसकी मां वापस नहीं आईं। अपने बड़े भाई को भी पीटने का आरोप उसके ऊपर ग्रामीणों ने लगाया है। इस मारपीट में भाई का पैर टूट गया था। पैर सड़ने लगा तो डॉक्टरों ने पैर काट दिया था। इसके बावजूद बड़े भाई को बचाया नहीं जा सका था। भाई के हिस्से की जमीन भी रवि को ही मिली थी। ग्रामीणों का कहना है कि उनका प्रयास रहेगा कि गांव का घर और जमीन जल्द ही मासूम बच्चियों के नाम हो जाएं, जिससे कि उनका जीवनयापन सही से हो सके।
करीब आठ महीने से रवि पत्नी, बेटियों व ससुरालीजनों के साथ चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी कर रहा था। 24 जुलाई को वह पत्नी सीमा और छोटी बेटी पलक के साथ गांव लौटा था। बड़ी बेटी पायल नानी के साथ चंडीगढ़ में रुक गई थी। रविवार सुबह करीब 8:30 बजे मामूली विवाद को लेकर रवि ने पत्नी सीमा के सिर पर ईंट से वार करके उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद मौके से नंगे पैर फरार हो गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने साक्ष्य एकत्र किए थे।
पुलिस टीम आरोपी रवि की तलाश में जुट गई थी। पुलिस ने उसके रिश्तेदार और करीबियों के घर पर भी दबिश दी थी। उसका कुछ पता नहीं चला था। सोमवार सुबह रवि के घर से एक किलोमीटर की दूरी पर अकबरपुर गांव में हरिनाथ दीक्षित के आम के बाग में रामू नाम का एक ग्रामीण किसी काम से गया था। उसने देखा कि रवि का शव पेड़ से लटका हुआ है।
उसने ग्रामीणों और रवि के परिवारीजनों को सूचना दी। मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। थोड़ी देर में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक रवि के शरीर पर सिर्फ अंडरवियर था। उसने अपने पैंट और शर्ट से फांसी का फंदा बनाया था। पुलिस ने फरेंसिक टीम के साथ मिलकर मौके से साक्ष्य एकत्र किए। इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया।
दोपहर के बाद की आत्महत्या
पुलिस के मुताबिक रवि के शव को फंदे से उतारा गया तो काफी बदबू आ रही थी। पुलिस कयास लगा रही है कि रवि ने पत्नी की हत्या के बाद घर से भागने के कुछ घंटे बाद ही बाग में फांसी लगा कर जान दे दी। ग्रामीणों को कहना है कि पत्नी की हत्या के बाद जिस तरह से घबरा कर आरोपी रवि भागा था, उससे यही लग रहा था कि वह कहीं खुदको भी कुछ कर न लें। ग्रामीणों ने अपने स्तर से भी उसकी तलाश की थी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका था। पुलिस के मुताबिक रवि भागने के बाद भेलीयापुरवा गांव में कुछ देर के लिए रुका था। वह चुपके से दोपहर बाद अकबरपुर गांव निवासी हरीनाथ दीक्षित के बाग में पहुंचा था।
बीमार बहनोई से मिलने आया था
ग्रामीणों ने बताया कि रवि के बहनोई राम भजन की तबीयत खराब चल रही थी। वह उसको देखने के लिए ही गांव आया था। बेटी की मौत की सूचना के बाद चंडीगढ़ में रह रही मां सरोज माल पहुंची। उनके साथ सीमा की बड़ी बेटी पायल भी थी। उन्होंने बिलख रहीं दोनों नातिन को गले से लगाया।
बैंक में जमा रुपये की शराब पीने को लेकर होता था विवाद
सीमा और रवि के शवों का सोमवार को पोस्टमॉर्टम शाम को पूरा हो सका। परिवारीजन दोनों के शवों को लेकर शाम करीब 6:15 बजे घर पहुंचे। माता-पिता के शव देख कर दोनों बेटियां रोने लगीं। परिवारीजनों और ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं। गांव में सन्नाटा सा छा गया था।
परिवारीजनों ने बताया कि तीन वर्ष पहले रवि ने अपनी जमीन 18 लाख रुपये में बेची थी। रुपये उसने पत्नी सीमा के बैंक खाते में जमा कर दिए थे। कुछ रुपये बैंक से निकाल कर मकान बनवाया था। पत्नी के खाते में मौजूद रुपये को वह धीरे-धीरे शराब में उड़ा रहा था। सीमा इसका विरोध करती थी। बैंक में जमा रुपये को लेकर ही दोनों में अक्सर विवाद भी होता था।
मां को कहीं ले गया था, इसके बाद वह नहीं लौटीं
ग्रामीणों ने बताया कि रवि कई वर्ष पहले अपनी मां को कहीं लेकर गया था। वह घर वापस पहुंचा था, लेकिन उसकी मां वापस नहीं आईं। अपने बड़े भाई को भी पीटने का आरोप उसके ऊपर ग्रामीणों ने लगाया है। इस मारपीट में भाई का पैर टूट गया था। पैर सड़ने लगा तो डॉक्टरों ने पैर काट दिया था। इसके बावजूद बड़े भाई को बचाया नहीं जा सका था। भाई के हिस्से की जमीन भी रवि को ही मिली थी। ग्रामीणों का कहना है कि उनका प्रयास रहेगा कि गांव का घर और जमीन जल्द ही मासूम बच्चियों के नाम हो जाएं, जिससे कि उनका जीवनयापन सही से हो सके।
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