लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 साल बाद जमीन और संपत्ति की सरकारी दरों यानी सर्किल रेट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आज 1 अगस्त यानी शुक्रवार से जिले में नए सर्किल रेट लागू किए जाएंगे। जिला प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी आपत्तियों पर विचार करने के बाद अंतिम सर्किल रेट तय किए गए हैं। सभी आपत्तियों को प्रशासन ने खारिज कर दिया। नया सर्किल रेट लागू होने से किसानों और सरकार को लाभ होगा। किसानों को जहां सरकारी जमीन अधिग्रहण में नए सर्किल रेट के हिसाब से कीमतों का भुगतान होगा। वहीं, सरकार और प्रशासन को सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी से टैक्स में वृद्धि होगी।
15 से 50 फीसदी तक वृद्धिप्रशासन के अनुसार, जमीन के सर्किल रेट का निर्धारण सभी बिंदुओं पर विमर्श के बाद किया गया है। जमीन और संपत्तियों का बाजार मूल्य, शहरी विस्तार और विकास को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 40 फीसदी और शहरी इलाकों में 25 से 50 फीसदी तक सर्किल रेट में वृद्धि की गई है। कई विकसित क्षेत्रों में दरें दोगुनी तक हो गई हैं।
इन इलाकों में रिकॉर्ड बढ़ोतरीलखनऊ के प्रमुख इलाकों में जमीन अब सोने के दाम तक पहुंच चुकी है। राजधानी के पॉश इलाके इंदिरानगर, विभूतिखंड और गोमतीनगर में जमीन की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। इंदिरानगर में सर्किल रेट 27,000 रुपये से बढ़कर 62,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है। वहीं, विभूतिखंड में 40,000 रुपये से बढ़कर यह दर 70,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर पहुंच गया है।
शहर के सबसे घनी आबादी वाले इलाके गोमतीनगर में भी सर्किल रेट में भारी इजाफा हुआ है। यहां पहले जमीन की दर 30,500 रुपये वर्ग मीटर थी। इस सर्किल रेट को बढ़ाकर 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। इन इलाकों में भारी बढ़ोतरी की वजह बढ़ती आबादी, व्यवसायिक विकास और बुनियादी ढांचे का विस्तार बताया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी इजाफामोहनलालगंज, बीकेटी और सरोजनीनगर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्किल रेट 40 फीसदी तक बढ़ाई गई हैं। यहां नई टाउनशिप्स, इंडस्ट्रियल जोन और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के चलते कीमतों में इजाफा हुआ है। आवासीय क्षेत्रों के पास स्थित व्यवसायिक स्थलों पर अतिरिक्त 20 फीसदी सर्किल रेट लागू किया गया है।
कॉमर्शियल जमीन पर अधिक दरसर्किल रेट तय करते समय कई बातों का ध्यान रखा गया है। जो खरीदार व्यवसायिक उद्देश्य से जमीन खरीदना चाहते हैं, उन्हें अब अकृषक दरों पर 50 फीसदी अधिक भुगतान करना होगा। विशेष रूप से किसान पथ, आउटर रिंग रोड, एमएमआर जोन, आगरा एक्सप्रेसवे और वन वर्ल्ड टाउनशिप जैसे उभरते क्षेत्रों में दरें तेजी से बढ़ाई गई हैं।
आपत्तियों को किया गया खारिज2 से 17 जुलाई के बीच आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। केवल दो आपत्तियां आईं, जिन्हें प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद 31 जुलाई को अंतिम सुनवाई के बाद प्रस्तावित रेट ही लागू करने का निर्णय लिया गया। सर्किल रेट में बदलाव के चलते स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क में भी बढ़ोतरी होगी।
सर्किल रेट में वृद्धि से एक तरफ सरकार को इससे अधिक राजस्व मिलेगा। वहीं, आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जमीन और घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों को अब बजट पर फिर से विचार करना होगा।
15 से 50 फीसदी तक वृद्धिप्रशासन के अनुसार, जमीन के सर्किल रेट का निर्धारण सभी बिंदुओं पर विमर्श के बाद किया गया है। जमीन और संपत्तियों का बाजार मूल्य, शहरी विस्तार और विकास को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 40 फीसदी और शहरी इलाकों में 25 से 50 फीसदी तक सर्किल रेट में वृद्धि की गई है। कई विकसित क्षेत्रों में दरें दोगुनी तक हो गई हैं।
इन इलाकों में रिकॉर्ड बढ़ोतरीलखनऊ के प्रमुख इलाकों में जमीन अब सोने के दाम तक पहुंच चुकी है। राजधानी के पॉश इलाके इंदिरानगर, विभूतिखंड और गोमतीनगर में जमीन की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। इंदिरानगर में सर्किल रेट 27,000 रुपये से बढ़कर 62,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है। वहीं, विभूतिखंड में 40,000 रुपये से बढ़कर यह दर 70,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर पहुंच गया है।
शहर के सबसे घनी आबादी वाले इलाके गोमतीनगर में भी सर्किल रेट में भारी इजाफा हुआ है। यहां पहले जमीन की दर 30,500 रुपये वर्ग मीटर थी। इस सर्किल रेट को बढ़ाकर 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। इन इलाकों में भारी बढ़ोतरी की वजह बढ़ती आबादी, व्यवसायिक विकास और बुनियादी ढांचे का विस्तार बताया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी इजाफामोहनलालगंज, बीकेटी और सरोजनीनगर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्किल रेट 40 फीसदी तक बढ़ाई गई हैं। यहां नई टाउनशिप्स, इंडस्ट्रियल जोन और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के चलते कीमतों में इजाफा हुआ है। आवासीय क्षेत्रों के पास स्थित व्यवसायिक स्थलों पर अतिरिक्त 20 फीसदी सर्किल रेट लागू किया गया है।
कॉमर्शियल जमीन पर अधिक दरसर्किल रेट तय करते समय कई बातों का ध्यान रखा गया है। जो खरीदार व्यवसायिक उद्देश्य से जमीन खरीदना चाहते हैं, उन्हें अब अकृषक दरों पर 50 फीसदी अधिक भुगतान करना होगा। विशेष रूप से किसान पथ, आउटर रिंग रोड, एमएमआर जोन, आगरा एक्सप्रेसवे और वन वर्ल्ड टाउनशिप जैसे उभरते क्षेत्रों में दरें तेजी से बढ़ाई गई हैं।
आपत्तियों को किया गया खारिज2 से 17 जुलाई के बीच आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। केवल दो आपत्तियां आईं, जिन्हें प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद 31 जुलाई को अंतिम सुनवाई के बाद प्रस्तावित रेट ही लागू करने का निर्णय लिया गया। सर्किल रेट में बदलाव के चलते स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क में भी बढ़ोतरी होगी।
सर्किल रेट में वृद्धि से एक तरफ सरकार को इससे अधिक राजस्व मिलेगा। वहीं, आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जमीन और घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों को अब बजट पर फिर से विचार करना होगा।
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