उज्जैन: आध्यात्मिकता, संगीत चिकित्सा और वैदिक विज्ञान के संगम को एक नई ऊंचाई देने के लिए Nada Yoga Research Council (NYRC) की स्थापना की जा रही है। यह संस्थान विश्व का पहला वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र होगा, जो वैदिक मंत्रों, ध्वनि चिकित्सा और नाद योग के गूढ़ रहस्यों पर शोध करेगा। इस काउंसिल के अंतर्गत Nada Yoga Research Institute (NYRI) कार्य करेगा, जहां प्राचीन भारतीय ध्वनि विज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित किया जाएगा।
नाद योग: ध्वनि से उपचार की प्राचीन विधा
नाद योग एक प्राचीन वैदिक पद्धति है, जिसमें ध्वनि तरंगों और संगीत के माध्यम से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित किया जाता है। यह मान्यता है कि पूरा ब्रह्मांड नाद (ध्वनि) से उत्पन्न हुआ है और मानव शरीर भी एक ऊर्जा क्षेत्र है, जिसे सही ध्वनियों के माध्यम से संतुलित किया जा सकता है।
NYRC के संस्थापक देवऋषि, जो एक प्रसिद्ध संगीतकार, दार्शनिक और लेखक हैं, ने बताया कि "आज के युग में मानसिक तनाव, चिंता और आध्यात्मिक भटकाव तेजी से बढ़ रहा है। वैदिक ध्वनि विज्ञान और नाद योग के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान संभव है। हमारा उद्देश्य नाद योग को वैश्विक पहचान दिलाना और इसे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करना है।"
वैज्ञानिक शोध और प्रमाणिकता
Nada Yoga Research Council के तहत किए जाने वाले प्रमुख शोध कार्यों में शामिल हैं:
- वैदिक मंत्रों और ध्वनि आवृत्तियों का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- ध्यान और साउंड थेरेपी के वैज्ञानिक अध्ययन
- यज्ञ चिकित्सा और नाद योग के आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से एकीकरण
- संगीत आधारित उपचार विधियों का विकास
संस्थान में वैज्ञानिक, डॉक्टर, आयुर्वेद विशेषज्ञ और संगीतज्ञों के साथ मिलकर ध्वनि चिकित्सा के प्रभावों को प्रमाणित किया जाएगा।
उज्जैन में होगा भव्य अनुसंधान केंद्र
प्राचीन आध्यात्मिक नगरी उज्जैन को इस अनुसंधान संस्थान के लिए चुना गया है, जहाँ नाद योग का एक समर्पित आश्रम और ध्यान केंद्र स्थापित किया जाएगा। संस्थान में अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाएँ, ध्यान केंद्र, यज्ञशाला और प्राकृतिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
वैश्विक विस्तार और भविष्य की योजनाएँ
Nada Yoga Research Council भविष्य में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों के साथ साझेदारी कर नाद योग को विश्वभर में प्रसारित करेगा। इसके अलावा, नियमित रूप से नाद योग महोत्सव, कार्यशालाएँ और शोध संगोष्ठियाँ आयोजित की जाएंगी।
देवऋषि ने आगे बताया कि "यह सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि नाद योग एक प्रमाणित चिकित्सा पद्धति के रूप में पहचाना जाए और लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।"
देवऋषि: आध्यात्मिकता और संगीत के संवाहक
देवऋषि, जो पहले ऋषिकेश पांडे के नाम से फिल्म और संगीत जगत में प्रसिद्ध थे, अब पूरी तरह से सनातन संस्कृति, नाद योग और आध्यात्मिक संगीत के प्रचार-प्रसार में समर्पित हैं। वे Nada Yoga Research Council के माध्यम से भारतीय संस्कृति की इस दुर्लभ धरोहर को पुनर्जीवित करने के मिशन पर हैं।
Nada Yoga Research Council की स्थापना से भारत को एक वैश्विक आध्यात्मिक और ध्वनि चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। उज्जैन में यह संस्थान जल्द ही अपनी सेवाएँ शुरू करेगा, जिससे नाद योग की महत्ता को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप से पुनः स्थापित किया जा सके।

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