बुध ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि का कारक ग्रह ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, कारोबार, त्वचा, संचार और मित्रता का कारक ग्रह माना गया है। अगर किसी की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर अवस्था में बैठा है तो व्यक्ति को दूसरों से बातचीत करने में और कारोबार आदि करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जबकि बुध ग्रह के मजबूत अवस्था में होने पर व्यक्ति बुद्धिमान और करियर कारोबार में सफलता हासिल करता है। आइए जानते हैं बुध ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही जानते हैं बुध ग्रह के कमजोर होने के लक्षण और किस तरह से आप बुध ग्रह को कुंडली में मजबूत कर सकते हैं। बुध ग्रह की महादशासबसे पहले बता दें कि सभी ग्रहों की महादशा होती है। ऐसी ही किसी व्यक्ति पर अगर बुध की महादशा चलती है तो वह कम से कम 17 वर्ष की होगी। बुध अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में वक्री अवस्था में बैठे हैं तो वह अनुकूल फल प्रदान नहीं करते हैं। लेकिन, जब भी बुध का गोचर होकर बुध वक्री होंगे तो वह व्यक्ति को शुभ फल देंगे। बुध अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मीन राशि में विराजमान होते हैं तो वह व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करते हैं। क्योंकि, बुध मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं। बुध ग्रह के खराब होने के लक्षण 1 यादाशत कमजोर होना – जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर अवस्था में होते हैं वह व्यक्ति बातें जल्दी भूल जाता है। ठीक से किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाता है। 2 बोलने में परेशानी – कमजोर बुध व्यक्ति को वाणी संबंधित परेशानी दे सकते हैं जैसे हकलाना, तुतलाना, शब्दों का गलत प्रयोग करना।3 गलत निर्णय लेना – कमजोर बुध के कारण व्यक्ति सही से निर्णय नहीं ले पाता है। ऐसे लोग बार-बार गलत फैसले लेते हैं और भ्रमित रहते हैं।4 अधिक टेंशन या चिंता – जिस व्यक्ति को बार-बार किसी बात को लेकर टेंशन अधिक रहती है और मानसिक चिंताएं बनी रहती है तो यह भी कमजोर बुध का लक्षण है।5 व्यापार में घाटा – विशेषकर अगर व्यवसाय संवाद, लेखन, शिक्षा या व्यापार से जुड़ा है और लगातार व्यापार में नुकसान ही हो रहा है तो ऐसा कमजोर बुध के कारण हो सकता है।6 त्वचा और नस से जुड़ी समस्याएं – स्किन एलर्जी, हाथ-पैर सुन्न होना कमजोर बुध के कारण हो सकता है। 7 अन्य लोगों से संवाद में दिक्कत – गलतफहमी होना, बात ठीक से न समझ पाना या समझा पाना।8 शिक्षा में बाधा – पढ़ाई में मन न लगना, विषय समझने में कठिनाई होना 9 व्यक्ति का निरस होना – बुध वाणी और बुद्धि का कारक है, कमजोर हो तो व्यक्तित्व नीरस हो सकता है। बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय 1.बुध ग्रह को मजबूत करने के लए रोजाना या बुधवार के दिन बुध बीज मंत्र का ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जप करें या फिर ओम गण गणपतये नमो नमः मंत्र का जप करें। इस मंत्र का जप आपको कम से कम 108 बार करना होगा।2.बुधवार को व्रत रखें। शुक्ल पक्ष के बुधवार से आप बुधवार का व्रत कर सकते हैं। साथ ही इस दिन हरे कपड़े पहनें या फिर हरे चने का सेवन करें, और तुलसी के पौधे की पूजा करें। ऐसा करने से बुध ग्रह मजबूत होता है। 3. बुधवार के दिन हरे वस्त्र, हरा मूंग, हरि सब्जियां, हरी चूड़ियां आदि का दान करना शुभ रहता है। 4. इसके अलावा बुधवार के दिन तुलसी, पान, दूर्वा (हरी घास) आदि भी आप गणेशजी को समर्पित कर सकते हैं। 4. बुधवार के दिन पन्ना (Emerald) रत्न धारण करें पन्ना को चांदी या सोने की अंगूठी में छोटी उंगली में बुधवार के दिन पहनें। हालांकि, कोई भी रत्न पहनने से पहले अपनी कुंडली को किसी विद्वान ज्योतिष से जांच जरूर करा लें। 5. गौ सेवा करें ऐसा करने से भी बुध ग्रह मजबूत होता है। हरे चारे से गाय को बुधवार के दिन भोजन कराएं।6. बुद्धि और वाणी को शुद्ध करें, सच बोलने की आदत डालें। झूठ बोलने से बचें, चुगली आदि न करें। 7. इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी बुध को शांत करता है।
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