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फडणवीस ने संविधान और बाबासाहेब का अपमान किया, महाराष्ट्र की जनता चुनाव में BJP को करारा जवाब देगी: राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बृहस्पतिवार को पलटवार किया और कहा कि उन्होंने संविधान के मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इस चुनाव में करारा जवाब देगी।

राहुल गांधी अपनी रैलियों के दौरान लाल रंग के 'कवर' वाले संविधान के संक्षिप्त संस्करण को प्रदर्शित करते रहे हैं। बुधवार को नागपुर की अपनी यात्रा के दौरान गांधी ने एक कार्यक्रम में संविधान की इस प्रति को प्रदर्शित किया और एक बार फिर जाति जनगणना की वकालत की।

जिस पर फडणवीस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपने हाथ में ‘लाल किताब’ लेकर ‘‘शहरी नक्सलियों और अराजक तत्वों’’ से समर्थन लेने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को फडणवीस पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार बाबासाहेब के संविधान को दिखाना और जाति जनगणना के लिए आवाज़ उठाना नक्सली विचार है! बीजेपी की ये सोच संविधान निर्माता महाराष्ट्र के सपूत डॉ भीमराव आंबेडकर का अपमान है।’’

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की जनता ने संविधान की लड़ाई लड़ी और महाविकास आघाड़ी को बड़ी जीत दिलाई तथा बीजेपी द्वारा बाबासाहेब का अपमान महाराष्ट्र की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी के साथ मिल कर महाराष्ट्र की जनता संविधान पर किए गए हर हमले का पूरी ताकत से जवाब देकर उसकी रक्षा करेगी। उनका यह भी कहना था, ‘‘बीजेपी की ऐसी तमाम शर्मनाक कोशिशें नाकाम होंगी - लिख कर ले लो, जाति जनगणना हो कर रहेगी।’’

इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने फडणवीस पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘फडणवीस हताश हो रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित ‘‘शहरी नक्सलियों’’ से समर्थन लेने के लिए ‘‘लाल किताब’’ दिखाने का आरोप लगाया। फडणवीस जिस पुस्तक को लेकर आपत्ति जता रहे हैं वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर थे।’’

 उन्होंने दावा किया कि यह भारत का वही संविधान है जिसे ‘मनुस्मृति’ से प्रेरित न बताकर आरएसएस ने नवंबर 1949 में हमला किया था तथा यह भारत का वही संविधान है जिसे प्रधानमंत्री मोदी बदलना चाहते हैं।

रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में संविधान की लाल रंग की प्रति वाली तस्वीरें भी साझा कीं।

उनका कहना है, ‘‘जहां तक ‘‘लाल किताब’’ का सवाल है तो फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत में कानून के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक के.के. वेणुगोपाल की प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे। इससे पहले, प्रधानमंत्री और स्वयंभू चाणक्य को भी यह लाल किताब दी गयी है।’’

 रमेश ने कहा, ‘‘जहां तक "शहरी नक्सली" का सवाल है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी 2022 और 11 मार्च 2020 को संसद को बताया है कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है। फडणवीस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।’’

पीटीआई के इनपुट के साथ

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