ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण जंग अब खून-खराबे में तब्दील हो चुकी है। दोनों ही देश एक-दूसरे पर बार-बार हवाई हमले कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों की जान पर बन आई है। इजरायल ने ईरान के कई शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, और अब एक बेहद चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है – इन हमलों में कम से कम 950 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, जबकि 3450 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह दिल दहला देने वाली जानकारी अमेरिका के एक प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट में सामने आई है।
ईरान में जमीनी स्तर पर काम करता है यह संगठन
‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ नामक यह अमेरिकी संगठन लंबे समय से ईरान में मानवाधिकार उल्लंघनों और युद्ध से जुड़े हताहतों की निगरानी करता रहा है। इसने ही 2022 में महसा अमीनी की दुखद मृत्यु के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के विस्तृत आंकड़े जारी किए थे, जिन पर पूरी दुनिया की नजर गई थी।
आंकड़े सुनकर कांप जाएगा दिल – नागरिक भी नहीं बचे
संगठन की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि मरने वालों में 383 निर्दोष नागरिक और 253 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। यह आंकड़े युद्ध की विभीषिका को उजागर करते हैं – जहां एक ओर सैन्य ताकत भिड़ रही है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहा है।
सरकार का दावा कुछ और, सच्चाई कुछ और?
वहीं, ईरान सरकार की ओर से अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, वह इस रिपोर्ट से मेल नहीं खाते। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में दावा किया था कि अब तक 400 लोग मारे गए हैं और 3,056 घायल हुए हैं। लेकिन इससे कहीं ज्यादा गंभीर तस्वीर सामने आ रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान संघर्ष में मरने वालों की सही संख्या छिपाई जा रही है।
दर्दनाक यादें: जब महसा अमीनी की मौत से उठी थी आग
यह वही संगठन है जिसने महसा अमीनी की मौत के बाद हुए आंदोलनों की रिपोर्टिंग की थी। 22 वर्षीय महसा को हिजाब न पहनने पर हिरासत में लिया गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी। तब भी सरकारी आंकड़ों और असली तस्वीर के बीच भारी अंतर देखा गया था।
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