कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा के शिकोपुर जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भेजे गए समन को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है। वाड्रा मंगलवार को दिल्ली स्थित अपने आवास से ईडी कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे, जहां उन्हें पूछताछ के लिए दूसरी बार तलब किया गया था।
वाड्रा ने कहा, "यह पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है। केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।"
इससे पहले वाड्रा 8 अप्रैल को भेजे गए पहले समन के दौरान पेश नहीं हुए थे। अब ईडी उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है, जिसमें कथित अनियमितताओं की आशंका है।
ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इसके बाद यही जमीन उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।
जांच एजेंसी को शक है कि इस सौदे से हुई भारी कमाई मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई हो सकती है। ईडी इस पूरे ट्रांजैक्शन की मनी ट्रेल का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर जमीन की कीमत में इतना बड़ा उछाल कैसे आया और उसका लाभ किसे मिला।
रॉबर्ट वाड्रा पहले भी कई बार जमीन सौदों को लेकर जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्होंने इसे सरकार की "राजनीतिक चाल" बताया है। इस बार भी वाड्रा का दावा है कि उनके खिलाफ हो रही कार्रवाई का मकसद सिर्फ और सिर्फ उन्हें और उनके परिवार को परेशान करना है।
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