ग्रेटर नोएडा, 26 जून . समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना की गुरुवार को निंदा की. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में इस घटना को अमानवीय बताया.
उन्होंने इसे मानवता के प्रति एक बड़ा अपराध बताया और कहा कि इसे एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
राजकुमार भाटी ने कहा कि संभवत: कथावाचक की कोई गलती हो सकती है. वो एक अलग विषय है. लेकिन, उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वो पूरी तरह से निंदनीय है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाना एक बड़ा अपराध है. कथावाचक की पिटाई की गई, उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी गई, जमीन पर उसके नाक रगड़वाए गए. वहां उपस्थित सभी लोगों से माफी भी मंगवाई गई और आरोप तो यहां तक लगाया जा रहा है कि उनके ऊपर मानव मूत्र भी छिड़का गया. लेकिन, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, तो इस पर मैं ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता हूं. लेकिन, इस घटना के संबंध में जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, उसमें तो साफ दिख रहा है कि किस तरह से कथावाचक के साथ बदसलूकी की गई. क्या इस तरह के व्यवहार को एक सभ्य समाज में स्वीकार किया जा सकता है, बिल्कुल भी नहीं.
उन्होंने कहा कि अब कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोग अपने बचाव में कुछ भी कह लें, लेकिन वो बच नहीं पाएंगे. अगर यह लोग सोच रहे हैं कि हम अपने पक्ष में दलील देंगे, तो बच जाएंगे, तो मैं कहूंगा कि यह उनकी गलतफहमी है और उन्हें अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए.
राजकुमार भाटी ने कहा कि अगर इन कथावाचकों ने अपनी असली जाति छुपाई थी और आपको इससे आपत्ति हुई, तो आप पुलिस बुला लेते, लेकिन जिस तरह से अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गई, वो बिल्कुल भी उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि अभी इस तरह के मामले भाजपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे हैं. हम ऐसे मामलों का लगातार विरोध करते रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो आने वाले दिनों में हमारी पार्टी इसे लेकर आंदोलन भी करेगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक धार्मिक आयोजन के दौरान कथावाचकों के साथ मारपीट, अभद्रता और जबरन बाल काटने की शर्मनाक घटना सामने आई थी.
घटना थाना बकेवर क्षेत्र के ग्राम दादरपुर की है, जहां 21 जून को एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे. आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई थी. आरोप लगाया गया था कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताकर कथा का आयोजन किया था, जबकि वे अन्य जाति से थे. इसी विवाद ने तूल पकड़ा और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी थी. इतना ही नहीं, उनकी इच्छा के विरुद्ध उनके बाल भी काट दिए गए थे. इस अमानवीय कृत्य का वीडियो किसी ने बना लिया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
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एसएचके/जीकेटी
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