काठमांडू, 22 अप्रैल . नेपाल की शिक्षा मंत्री बिद्या भट्टाराई ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह कदम ऐसे समय में उठाया जब हजारों शिक्षक स्कूल शिक्षा विधेयक पारित करने की मांग को लेकर काठमांडू में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के साथ बढ़ते राजनीतिक मतभेदों के चलते पद छोड़ने का मन बनाया.
इस बीच, नेपाली शिक्षक परिसंघ (सीएनटी) के अध्यक्ष लक्ष्मी किशोर सुबेदी ने सोशल मीडिया पर कहा कि उनका आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहेगा.
भट्टाराई ने प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसकी पुष्टि शिक्षा मंत्रालय ने की.
नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट ने एक मंत्री के हवाले से बताया, “भट्टाराई पीएम ओली और वित्त मंत्री पौडेल दोनों से नाखुश हैं, लेकिन उन्हें इस्तीफे पर पुनर्विचार करने के लिए मनाने की कोशिशें जारी हैं. प्रधानमंत्री उनसे बात करेंगे.”
रिपोर्ट में शिक्षा मंत्री के करीबी दो सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शिक्षकों के सड़कों पर उतरने के बाद से ही प्रधानमंत्री ओली और भट्टाराई के बीच आंदोलनकारी शिक्षकों की मांगों को लेकर बड़े मतभेद थे.
सूत्र ने कहा, “वित्त मंत्री पौडेल ने भी शिक्षकों की कुछ मांगों को पूरा करने में सहयोग नहीं किया. भट्टराई ने प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे का कारण ‘स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे’ बताया. हां, कुछ समय पहले वह अस्वस्थ थीं, लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक हो गई हैं.”
ओली, पौडेल और भट्टाराई के बीच हुई बातचीत से परिचित एक अधिकारी ने बताया, “अगर सरकार शिक्षकों की वेतन और अन्य मांगों पर ध्यान देती है, तो सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हजारों सिविल सेवक भी इसी तरह के लाभों की मांग करेंगे. इसलिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री शिक्षकों की सभी मांगों पर ध्यान देने के लिए सहमत नहीं हुए, जिसके कारण भट्टाराई को इस्तीफा देना पड़ा.”
मतभेद तब स्पष्ट हो गए जब निवर्तमान शिक्षा मंत्री भट्टाराई शुक्रवार को काठमांडू में चल रहे शिक्षक आंदोलन का समाधान तलाशने के लिए सीएनटी के पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री ओली की बैठक में अनुपस्थित रहीं.
काठमांडू के मैतीघर-नया बनेश्वर क्षेत्र में 2 अप्रैल से शिक्षकों के प्रदर्शन और धरने ने राष्ट्रीय नामांकन अभियान को बुरी तरह बाधित किया. इसकी वजह से हाल ही में आयोजित माध्यमिक शिक्षा परीक्षा (एसईई) की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यों में देरी हुई.
शिक्षकों ने नेपाल में नए शैक्षणिक वर्ष के लिए छात्र नामांकन शुरू करने के सरकार के निर्देश की अवहेलना की, जो 15 अप्रैल से शुरू होना था.
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एमके/
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