Kanpur, 3 सितंबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ Wednesday को आईआईटी Kanpur के ‘समन्वय’ से उद्योग-अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. इस दौरान Chief Minister ने कहा कि आज इंडस्ट्री और अकादमिक संस्थानों के सहयोग का मुद्दा केवल शोध और नवाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे आम नागरिक के जीवन स्तर, वैश्विक चुनौतियों और सतत विकास से जुड़ा हुआ है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी जैसे विषयों पर मंथन भारत को न केवल आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाएगा, बल्कि तकनीक और विकास का वैश्विक केंद्र स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि आज हम जिस विषय पर एकत्र हुए हैं, वह केवल इंडस्ट्री-एकेडमिया सहयोग का ‘समन्वय’ ही नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों से जुड़ा हुआ है. ये चुनौतियां सीधे-सीधे आम नागरिक के जीवन स्तर को प्रभावित करती हैं. इसीलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और सतत विकास जैसे तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर तकनीकी सत्र होंगे और चर्चा होगी. कभी 17वीं शताब्दी तक भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. वैश्विक जीडीपी में हमारा योगदान 25 प्रतिशत तक था. लेकिन, 150-200 वर्षों में ऐसा क्या कुछ हुआ कि यह लगातार गिरता गया और 1947 तक आते-आते भारत का योगदान केवल 2 प्रतिशत रह गया?
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में हमने भारत को बदलते हुए देखा है. आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले दो वर्षों में तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. आगे चलकर हमें दूसरी अर्थव्यवस्था बनने का अवसर भी मिलेगा. यह यात्रा केवल आर्थिक विकास की नहीं है, बल्कि ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में है.
आईआईटी Kanpur का जिक्र करते हुए Chief Minister योगी ने कहा कि आईआईटी Kanpur का गौरवशाली इतिहास है. पिछले छह दशकों में इस संस्थान ने देश को तकनीक की दिशा में बहुत कुछ दिया है. हाल ही में मैंने नोएडा में ड्रोन टेक्नोलॉजी केंद्र का दौरा किया. वहां आईआईटी Kanpur से जुड़े लोग भी मिले. मैंने देखा कि हमारे युवा नई सामरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे तैयार हो रहे हैं. आईआईटी Kanpur भी उसमें अपना योगदान दे रहा है. हमें हमेशा यह विश्वास रखना चाहिए कि हम कर सकते हैं. दुनिया का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय तक्षशिला भी भारत में था. वहीं से चरक और सुश्रुत जैसे आयुर्वेदाचार्य निकले. यही हमारी परंपरा है कि हर अक्षर, हर वनस्पति और हर मनुष्य में कुछ बनने की क्षमता होती है. बस एक जोड़ने वाले की आवश्यकता होती है. मुझे विश्वास है कि आईआईटी जैसे संस्थान वही जोड़ने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 1947 में उत्तर प्रदेश का योगदान राष्ट्रीय जीडीपी में 14 प्रतिशत तक था. लेकिन, 2017 तक यह घटकर केवल 7-8 प्रतिशत रह गया. निराशा का माहौल था, उद्योग निवेश नहीं करना चाहते थे, युवा पलायन कर रहे थे. कभी समृद्ध रहा प्रदेश बीमारू कहलाने लगा. पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है. आज प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. बेहतर सुरक्षा, निवेश, बुनियादी ढांचा और सुशासन के साथ यूपी ने नए मानक स्थापित किए हैं. हर क्षेत्र में परिवर्तन दिखाई दे रहा है. सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने नेतृत्व किया है. प्रदेश की विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जिसने लगातार 36 घंटे चर्चा कर यह तय किया कि कैसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स पूरे किए जा सकते हैं. आज शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल प्रबंधन हर क्षेत्र में ठोस काम हो रहा है.
सीएम योगी ने बुंदेलखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी यह इलाका सूखे, पलायन और डकैतों की समस्या से जूझता था. आज यहां हर घर नल से जल पहुंच रहा है, खेतों तक सिंचाई हो रही है और डिफेंस कॉरिडोर के दो महत्वपूर्ण नोड (चित्रकूट और झांसी) में निवेश आ रहा है. फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भी मान चुका है कि उत्तर प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ा है. यही सतत विकास की ओर हमारे प्रयासों का प्रमाण है. साइबर सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती है. 2017 में केवल दो साइबर थाने थे, वह भी सक्रिय नहीं थे. आज प्रदेश के 75 जिलों में साइबर थाने हैं, 1,500 से अधिक थानों में साइबर डेस्क है और राज्य साइबर एवं फॉरेंसिक संस्थान की स्थापना भी हो चुकी है. लेकिन, अभी बहुत कुछ करना बाकी है. इसी दिशा में हम आईआईटी Kanpur के साथ मिलकर कार्य करना चाहते हैं.
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विकेटी/एसके
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