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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, अच्छी नींद भी आएगी

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नई दिल्ली, 23 जून . आजकल की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में सेहत को नजरअंदाज करना बेहद आम बात हो गई है. हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, जिससे शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है. रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने में आयुर्वेदिक उपाय सक्षम हैं, क्योंकि आयुर्वेद न सिर्फ शरीर को रोगों से बचाता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.

आयुष मंत्रालय ने कुछ सामान्य उपायों के जरिए सेहतमंद रहने का गुर सिखाया है. इसमें बताया है कि पूरे दिन शरीर के लिए पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है. पानी न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि शरीर से विषैले तत्व भी बाहर निकालता है. यह पाचन को बेहतर करता है, त्वचा को साफ रखता है और ऊर्जा बनाए रखता है. दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और आप स्वस्थ महसूस करें. हर दिन कम से कम 30 मिनट योग, प्राणायाम और ध्यान करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे शरीर मजबूत बनता है, मन शांत रहता है और तनाव भी कम होता है. योग से लचीलापन बढ़ता है, प्राणायाम से सांसों का नियंत्रण बेहतर होता है और ध्यान से एकाग्रता बढ़ती है. यह सब मिलकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.

खाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. ये मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ाते हैं. हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और लहसुन इम्युनिटी मजबूत करने में मदद करता है.

आयुर्वेदिक उपायों में आयुष मंत्रालय की सलाह है कि हर सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश जरूर लें, लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो शुगर-फ्री वाला विकल्प चुनना न भूलें. दिन में एक-दो बार तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का वाला हर्बल काढ़ा बनाएं, और चाहें तो उसमें थोड़ा सा गुड़ या नींबू का रस डालकर स्वाद भी बढ़ा सकते हैं. रात को सोने से पहले हल्दी वाला गर्म दूध पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह शरीर को आराम देता है, नींद को बेहतर बनाता है और अंदरूनी ताकत बढ़ाता है.

कुछ और आसान देसी उपाय भी हैं, जैसे हर सुबह-शाम तिल या नारियल के तेल या घी की कुछ बूंदें नाक के दोनों छिद्रों में डालनी चाहिए. इससे नाक की सफाई होती है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव होता है. इसके अलावा, एक चम्मच नारियल या तिल का तेल मुंह में भरकर दो-तीन मिनट घुमाएं और फिर थूक दें और गर्म पानी से कुल्ला करें. इस प्रक्रिया को ‘ऑयल पुलिंग’ कहते हैं. इससे मुंह साफ रहता है, दांत मजबूत होते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसे रोजाना करना सेहत के लिए बहुत लाभकारी है. गले में खराश हो तो पुदीने या अजवाइन वाला पानी गर्म करके उसकी भाप लें. इन आयुर्वेदिक उपायों को नियमित रूप से अपनाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाया जा सकता है.

पीके/केआर

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