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तेजस्वी यादव के आरोपों को लेकर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण, दरभंगा वीडियो को बताया भ्रामक

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पटना, 17 जुलाई . भारतीय निर्वाचन आयोग ने दरभंगा से जुड़े एक वीडियो पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. तेजस्वी यादव ने एक वीडियो साझा करते हुए भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य को प्रभावित करने का आरोप लगाया था.

वीडियो में भाजपा की महिला नेता कविता कुमारी उर्फ सपना भारती को एक मतदान केंद्र पर देखा गया, जहां एसआईआर का कार्य चल रहा था. वीडियो बनाने वाले राजनैतिक कार्यकर्ता जमाल हसन ने आरोप लगाया कि कविता कुमारी मतदाता सूची में हेरफेर कराने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने दावा किया कि बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) मतदाताओं के घर नहीं जा रहे हैं, बल्कि लोगों को दूसरी जगह बुलाया गया है और भाजपा की नेता वोटर्स को परेशान कर रही हैं.

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “चुनाव आयोग किस निष्पक्षता की बात करता है? क्या इस घटना के बाद माना जाए कि चुनाव आयोग सही से काम कर रहा है?” जमाल हसन ने आरोप लगाए कि उन्हें चुनाव आयोग पर हर तरीके से शक है.

इस वीडियो को कांग्रेस और राजद के अन्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए.

हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो में किए गए दावे निराधार और भ्रामक हैं.

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा कराई गई जांच में सामने आया कि कविता कुमारी मतदान केंद्र पर अपने और अपने परिवार के सदस्यों का गणना प्रपत्र और आवश्यक दस्तावेज जमा कराने गई थीं. वे केवल अपना फॉर्म भर रही थीं और कोई अनियमितता नहीं पाई गई.

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि कविता कुमारी और वीडियो बनाने वाले जमाल हसन के बीच पूर्व से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है. इसी कारण जमाल हसन ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि बीएलओ द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई और लगाए गए पक्षपात के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.

डीसीएच/

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