संयुक्त राष्ट्र, 15 अप्रैल . सूडान के अकालग्रस्त जमजम विस्थापित कैंप पर हुए हमले में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से दी.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने सोमवार को इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि सूडान में उत्तर दारफुर के अल-फशेर में शुक्रवार और शनिवार को जमजम और अबू शौक विस्थापन कैंपों और शहर के आसपास और इनके अंदर हुई गंभीर हिंसा से बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई है.
ओसीएचए ने लोकल सूत्रों के हवाले से बताया कि मृतकों के शुरुआती आंकड़े आए हैं उनसे पता चलता है कि इन हमलों में 10 संयुक्त राष्ट्र के समन्वय कार्यालय के 10 कार्यकर्ताओं सहित 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह ओसीएचए कार्यकर्ता रिलीफ इंटरनेशनल एनजीओ के जमजम कैंप में चल रहे केंद्रों में बचा हुआ एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र था. यह लोग इसी स्वास्थ्य केंद्र में काम रहे थे.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि इन हमलों में कम से कम 23 बच्चे मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हत्याओं की निंदा की, उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को कहा, “सूडान में हमारे मानवीय और स्थानीय सहयोगी क्लेमेंटाइन एनक्वेटा-सलामी ने भी इस हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है और इस हिंसा को तुरंत खत्म करने व आम लोगों और मानवीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा करने की अपील की है. इन हमलों के दोषियों पर कानूनी कार्रवाई जरूर की जाएगी.”
यह विशाल जमजम कैंप देश के आर्थिक केंद्र उत्तरी दार्फुर राज्य के दक्षिणी अल-फशेर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने कहा कि जमजम शिविर से कम से कम 16,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से कई लोग एल फशेर और पश्चिम में तावीला की ओर पलायन कर रहे हैं.
हालांकि, ओसीएचए ने कहा कि स्थानीय सहयोगियों ने बताया कि लगातार हिंसा और विस्थापित लोगों की बढ़ती आमद के कारण एल फशेर में मानवीय और सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ रही है.
आईओएम ने कहा कि उत्तरी दारफुर के उम कददाह शहर में एल फशेर के पूर्व में, स्थानीय स्रोतों ने हाल ही में हुई लड़ाई में 50 से अधिक लोगों के मारे जाने और 900 घरों के नष्ट होने की सूचना दी है. एजेंसी ने अनुमान लगाया कि गुरुवार से इस क्षेत्र से लगभग 19,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं.
ओसीएचए ने कहा कि जमजम और एल फशेर में निवासियों और विस्थापित लोगों को भोजन, ईंधन और स्वास्थ्य वस्तुओं सहित आवश्यक आपूर्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. पिछले तीन महीनों में डीजल ईंधन की कीमतों में पांच गुना वृद्धि हुई है, जिससे सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सीमित हो गई है.
ओसीएचए ने कहा कि कुछ राहत आपूर्तियां तवीला और अल कुमा जैसे आस-पास के स्थानों में पहले से ही तैनात की गई थीं. मानवीय सहायता करने वालों ने विस्थापित परिवारों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए 1,800 मीट्रिक टन खाद्य सहायता सहित अतिरिक्त राहत सामग्री तावीला में भेजी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि दो साल पहले संघर्ष की शुरुआत के बाद से स्वास्थ्य सेवा पर लगभग 160 हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 300 से अधिक मौतें हुई हैं. एक तिहाई अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं, और हाल ही में वित्त पोषण में कटौती ने स्वास्थ्य साझेदारों को देश भर में 300 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं को समर्थन कम करने के लिए मजबूर किया है.
15 अप्रैल, 2023 को सूडान में गृह युद्ध छिड़ गया, जिसमें रैपिड सपोर्ट फोर्स मिलिशिया ने राजधानी खार्तूम पर हमला किया था.
–
पीएसएम/एएस
The post first appeared on .
You may also like
IPL 2025: दिल्ली कैपिटल्स ने गुजरात टाइटंस को जीत के लिए दिया 204 रनों का लक्ष्य, कृष्णा ने गेंद से मचाया धमाल
मां इतनी बेरहम कैसे?, अफेयर में करवा दी 14 साल के बेटे की हत्या, 1 दिन पेड़ से लटकी रही लाश ⑅
क्या आपने देखा Prasidh Krishna का सनसनाता यॉर्कर? KL Rahul के तो उड़ गए थे तोते; देखें VIDEO
आशिकी के चक्कर में 17 साल की लड़की गई थी बहक, मां ने सुनाई कहानी तो पसीज गया पुलिस का कठोर दिल ⑅
इंडियन टीम ने निकाला तो सीधा KKR में एंट्री, अभिषेक नायर बने KKR के असिस्टेंट कोच