New Delhi, 3 सितंबर . संचार मंत्रालय ने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने 12 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है. आईपीपीबी ने हाल ही में अपना आठवां स्थापना दिवस मनाया.
यह उपलब्धि लास्ट माइल तक इंक्लूसिव, सुलभ और किफायती सेवाएं प्रदान कर बैंकिंग परिदृश्य को बदलने में एक और मील का पत्थर है.
आईपीपीबी सितंबर 2018 में शुरू किया गया, जो कि वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक के रूप में उभरा है.
मंत्रालय ने कहा कि आईपीपीबी 1.64 लाख से अधिक डाकघरों और 1.90 लाख से अधिक पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की बेजोड़ पहुंच का लाभ उठाया है.
मंत्रालय ने कहा, “बैंक ने 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सफलतापूर्वक अपने साथ जोड़ा है, अरबों डिजिटल लेनदेन किए हैं और ग्रामीण, अर्ध-शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में डोर-स्टेप बैंकिंग सर्विस को सक्षम बनाया है.”
आईपीपीबी की अध्यक्ष वंदिता कौल ने कहा, “आईपीपीबी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वित्तीय समावेशन केवल एक परिकल्पना नहीं, बल्कि एक साकार करने योग्य वास्तविकता है. पोस्टल बैंकिंग के अपने अनूठे मॉडल के साथ, हमने लाखों भारतीयों, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में, बैंकिंग को उनके घर तक पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाया है.”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी यात्रा लास्ट माइल तक वित्तीय सेवा प्रदान करने के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करती है. यह आठवां स्थापना दिवस और भी खास है क्योंकि आईपीपीबी ने 12 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है.”
मंत्रालय ने आईपीपीबी के पोर्टफोलियो को मजबूत करने वाले हालिया इनोवेशन को भी सूचीबद्ध किया.
बैंक ने साझेदार संस्थानों के सहयोग से संपूर्ण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) वितरण, पेंशन भुगतान, रेफरल टाय-अप्स के माध्यम से ऋण सुविधा और बीमा एवं निवेश उत्पादों में विस्तार किया है.
डिजिस्मार्ट (डिजिटल सेविंग अकाउंट), प्रीमियम आरोग्य सेविंग अकाउं (स्वास्थ्य लाभ वाला बैंक खाता) और आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन जैसी नई पेशकशों ने ग्राहक सुविधा और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की मांग पर उपलब्धता के नए आयाम जोड़े हैं.
रुपे वर्चुअल डेबिट कार्ड, एईपीएस (आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं), सीमा-पार प्रेषण और भारत बिल-पे इंटीग्रेशन ने आईपीपीबी को जमीनी स्तर पर एक व्यापक वित्तीय सेवा प्रदाता बना दिया है.
आईपीपीबी के एमडी और सीईओ आर. विश्वेश्वरन ने कहा, “अपने 8वें स्थापना दिवस पर, हम 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को नया रूप देने में आईपीपीबी की भूमिका पर गर्व करते हैं. हमारे पोस्टमैन और जीडीएस आम नागरिकों के लिए बैंकर बन गए हैं, जिससे लाखों-करोड़ों रुपए के लेनदेन लोगों के डोर स्टेप पर ही संभव हो रहे हैं. डिजिटल पेमेंट और विभिन्न ग्राहक-केंद्रित सेवाओं के साथ, हम एक मजबूत और समावेशी फाइनेंशियल इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं. बैंकिंग का भविष्य अंतिम पड़ाव पर है और आईपीपीबी उस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है.”
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एसकेटी/
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