पटना, 6 मई . बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) टीआरई-3 के अभ्यर्थियों ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने छात्रों को वहां से हटने की चेतावनी दी, लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थी सीएम आवास के बाहर से हटने के लिए तैयार नहीं थे. जिसके बाद छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया.
पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल हो गए. पुलिस का दावा है कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि कई छात्रों को चोट आई है.
बीपीएससी टीआरई-3 के अभ्यर्थी पिछले चार महीनों से खाली शिक्षक पदों के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. उनका दावा है कि उनके अंक कट-ऑफ के बराबर हैं, फिर भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली, जबकि समान अंक वाले अन्य अभ्यर्थियों को शिक्षक पद मिल चुका है.
सीवान से आई अभ्यर्थी दीपा सिंह ने गुस्से में कहा, “नीतीश सरकार के राज में हमें लाठी मिली है. हम कह रहे हैं, या तो रिजल्ट दे दो या यहीं फांसी दे दो. चार महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं. हम खाली सीटों के लिए पूरक परिणाम चाहते हैं. हमने न्याय मांगने के लिए सीएम आवास का दरवाजा खटखटाया, विरोध करने के लिए नहीं. हम बिहार के शैक्षणिक भविष्य को आकार देना चाहते हैं, लेकिन हमें असहाय और उपेक्षित छोड़ दिया गया है.”
अभ्यर्थियों का आरोप है कि बीपीएससी ने पारदर्शिता नहीं बरती और मल्टीपल सीटों के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं किया. उनकी मांग है कि बची हुई 87,774 शिक्षक पदों की सीटों के लिए तुरंत पूरक परिणाम घोषित किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे सामूहिक रूप से जल समाधि लेने जैसे कठोर कदम उठाएंगे.
इस घटना ने बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. राजद का कहना है कि छात्रों की जायज मांगों को दबाने के लिए लाठीचार्ज करना शर्मनाक है. सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. इस मामले में सरकार को त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए.
यह पहला मौका नहीं है, जब बीपीएससी अभ्यर्थियों ने सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया हो. इससे पहले 24 मार्च को अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के आवास के बाहर हंगामा किया था. उस दिन मंत्री जब अपने आवास पहुंचे, तो अभ्यर्थियों ने उन्हें घेर लिया और सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग पर अड़ गए. स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को हस्तक्षेप कर मंत्री को सुरक्षित निकालना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर भी मंत्री का पीछा किया, जिससे उन्हें अपनी गाड़ी तक पहुंचने में मुश्किल हुई.
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एकेएस/केआर
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