मुंबई, 23 जून . शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने इजरायल-ईरान युद्ध, भारत-पाकिस्तान संबंध और ‘मराठी भाषा पर खतरे’ जैसे विषयों पर खुलकर बात की.
उन्होंने शांति की वकालत करते हुए युद्ध के दुष्परिणामों पर चिंता जताई और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “युद्ध किसी के हित में नहीं है, चाहे वह इजरायल-ईरान के बीच हो या भारत-पाकिस्तान के बीच. युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों का होता है. लोगों के घर उजड़ जाते हैं, रोजी-रोटी छिन जाती है, और बमबारी में निर्दोष मारे जाते हैं.”
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करनी चाहिए, क्योंकि ईरान के राष्ट्रपति से बात करने से कोई लाभ नहीं होगा.
राउत ने ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, “वह भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की बात करते हैं, लेकिन ईरान पर हमले और इजरायल का समर्थन कर दोहरा रवैया अपनाते हैं. भारत ने ट्रंप के लिए ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे बड़े आयोजन किए. फिर भी, ट्रंप की नीतियां भारत के हितों के अनुरूप नहीं दिखतीं. ईरान एक स्वाभिमानी और मजबूत देश है. किसी भी राष्ट्र को अपने बचाव का अधिकार है, जैसे भारत को है, वैसे ही ईरान को.”
उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ट्रंप के एक फोन कॉल के बाद बीजेपी और मोदी सरकार डर के कारण पीछे हट गई, जबकि ईरान ने हमलों के बावजूद हार नहीं मानी.
हाल ही में हिंदी भाषा की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर फडणवीस सरकार ने नया आदेश दिया. इसमें एक शर्त भी रखी गई, जिसमें तीसरी भाषा को सीखने का विकल्प है. स्कूलों को हर कक्षा से 20 छात्रों की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. अगर स्कूल ऐसा करने में सफल रहा, तभी उस भाषा को पढ़ाने के लिए शिक्षक मुहैया करवाया जाएगा या फिर वो भाषा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जाएगी.
राउत ने इस पर भी सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के सभी दल मराठी भाषा के लिए एकजुट होंगे. सरकार से सदन में सवाल पूछा जाएगा कि हिंदी की दादागिरी क्यों? क्या मुंबई से मराठी को हटाने की साजिश है? उन्होंने कहा कि शिवसेना मराठी पहचान को बचाने के लिए हर कदम उठाएगी, क्योंकि यह पार्टी इसी उद्देश्य से बनी थी.
शिवसेना और एनसीपी में टूट के सवाल पर राउत ने कहा कि सत्ता और पैसे के लालच ने कई नेताओं को गद्दारी के लिए मजबूर किया. उन्होंने गुलाबराव पाटील का उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ नेताओं के खातों में अचानक बड़ी रकम जमा हुई, जिसके डर से वे पार्टी छोड़कर चले गए. यह भ्रष्टाचार का कैंसर है, जिसका इलाज मुश्किल है.
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और फडणवीस ने भय और भ्रष्टाचार का माहौल बनाया, जिसके कारण विधायक और सांसद दबाव में आ गए. शिवसेना नेता भास्कर जाधव का समर्थन करते हुए कहा कि वे पार्टी के कट्टर कार्यकर्ता हैं और उनका योगदान अमूल्य है. जब वे मुंबई आएंगे, उद्धव ठाकरे उनसे बात करेंगे.
संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना शांति, मराठी अस्मिता और जनता के हितों के लिए लड़ती रहेगी.
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एसएचके/केआर
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