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भारत का औद्योगिक उत्पादन अप्रैल में 2.7 प्रतिशत बढ़ा

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नई दिल्ली, 28 मई . भारत में औद्योगिक विकास बताने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अप्रैल में 2.7 प्रतिशत बढ़ा है. सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई.

आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर अप्रैल में सालाना आधार पर 3.4 प्रतिशत रही है. इस साल मार्च में यह आंकड़ा 3 प्रतिशत पर था.

अप्रैल में पावर सेक्टर के उत्पादन में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि खनन सेक्टर के उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 23 में से 16 इंडस्ट्री में अप्रैल में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है. शीर्ष तीन योगदानकर्ताओं में मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल (4.9 प्रतिशत), मैन्युफैक्चर ऑफ मोटर व्हीकल, ट्रेलर एंड सेमी-ट्रेलर (15.4 प्रतिशत) और मैन्युफैक्चर ऑफ मशीनरी और इक्विपमेंट (17 प्रतिशत) थे.

अप्रैल में कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 20.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इन प्रोडक्ट्स का उपयोग फैक्ट्रियों में किया जाता है. यह सेगमेंट दिखाता है कि अर्थव्यवस्था में निवेश हो रहा है. इसका नौकरियों और आय पर सकारात्मक असर होता है.

इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में भी 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को दर्शाता है.

राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों के क्षेत्रों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के कारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के आठ मुख्य उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में अप्रैल में सालाना आधार पर 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है और यह समग्र औद्योगिक विकास का इंडिकेटर है.

सूचकांक में लगभग 18 प्रतिशत का भार रखने वाले इस्पात का उत्पादन अप्रैल, 2025 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3 प्रतिशत बढ़ा है. अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.9 प्रतिशत बढ़ा है.

एबीएस/

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