नई दिल्ली, 3 जून दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने मंगलवार को सटीक और लक्षित ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और साथ ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और भारत के दुश्मनों को खदेड़ने के लिए सैन्य बलों को पूरी आजादी देने के लिए सरकार की भी सराहना की.
डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने से विशेष बातचीत में कहा, “देशभक्त और भावी नेताओं को तैयार करना किसी भी विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी भूमिका और जिम्मेदारी है.”
उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के सीमा पार ऑपरेशन के बारे में सही जानकारी प्रसारित करने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमा पार आतंकी कारखानों पर सैन्य हमलों को हरी झंडी देकर सही काम किया, क्योंकि इससे दुनिया को सही संदेश गया. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर देश के गौरव का प्रतीक है, हमारे सशस्त्र बलों के पराक्रम का प्रतीक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मजबूत सरकार के संकल्प को दर्शाता है.”
उन्होंने कहा कि मुश्किल समय में देश को चलाने के लिए ऐसा नेतृत्व महत्वपूर्ण है.
उन्होंने नागरिकों, विशेषकर संवेदनशील लोगों को ऑपरेशन सिंदूर के इरादों, उद्देश्यों और उपलब्धियों के बारे में अच्छी तरह से अवगत कराने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. कॉलेज के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पर एक अध्याय शुरू करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी”, लेकिन कहा कि युवा पीढ़ी को इस तरह के ऑपरेशन की योजना बनाने में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं के बारे में जानकारी रखना महत्वपूर्ण है और यह भी कि इसका क्या उद्देश्य हासिल हुआ.
उन्होंने कहा कि कई कॉलेज 7-10 मई को सीमा पार आतंकी ठिकानों पर लक्षित सैन्य हमलों पर बहस, विचार-विमर्श और चर्चा कर रहे हैं, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बाद हुआ था और साथ ही कहा कि ऐसे मंच एक ‘देशभक्तिपूर्ण माहौल’ को बढ़ावा देंगे जहां छात्र, प्रोफेसर और विशेषज्ञ अपने विचार साझा कर सकते हैं, जो बदले में ‘अनजान’ लोगों को समृद्ध और प्रबुद्ध करेगा.
प्रोफेसर योगेश सिंह ने हाल ही में एक्स पर ‘ये देश है मेरा’ शीर्षक से एक सोशल मीडिया हैंडल के लॉन्च के बारे में बताया, जहां विश्वविद्यालय ऑपरेशन सिंदूर के महत्व और प्रभाव के बारे में छात्रों को ‘शिक्षित और प्रबुद्ध’ करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और यह भी कि राष्ट्रीय सुरक्षा हर चीज से ऊपर क्यों होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “हर किसी को देश की अखंडता की रक्षा में भागीदार होना चाहिए और इसलिए कुछ प्रेरित कथाओं को खत्म करना सामूहिक जिम्मेदारी है जो देश को नुकसान पहुंचा सकती हैं.” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों के बारे में सही जानकारी फैलाने में शैक्षणिक संस्थानों को दूसरों से आगे क्यों रहना चाहिए.
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जीकेटी/
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