मुंबई, 20 सितंबर . यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बैंकों से कहा गया कि वे लोगों को सशक्त बनाने के लिए यूपीआई में ट्रांसफॉर्मेटिव इनोवेशन और डिजिटल अवसर तलाश करें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि भारत के यूपीआई की दुनिया के डिजिटल पेमेंट में हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है.
पुणे में एक समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छा बैंकिंग सिस्टम, अधिक आर्थिक वृद्धि, सोशल प्रोग्रेस और पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी हासिल करने में मदद कर सकता है.
कई देशों से सकारात्मक रिस्पॉन्स मिलने के कारण आरबीआई का फोकस यूपीआई को एक वैश्विक सिस्टम बनाने पर है.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के डेटा के मुताबिक, अगस्त में यूपीआई से होने वाले लेनदेन सालाना आधार पर 41 प्रतिशत बढ़कर 14.96 अरब हो गए हैं. इस दौरान लेनदेन की वैल्यू सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 20.61 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
हर महीने यूपीआई से करीब 60 लाख नए यूजर्स जुड़ रहे हैं. इसकी वजह यूपीआई को क्रेडिट कार्ड से जोड़ना और इसे विदेशों में लॉन्च करना है. एनपीसीआई की ओर से यूपीआई के लिए आने वाले वर्षों में एक अरब लेनदेन प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बैंकों को डिजिटल सिस्टम को मजबूत करने पर ध्यान रखना चाहिए और मजबूत फायरवॉल का उपयोग करना चाहिए, जिससे वह ग्राहकों के भरोसे को कायम रख सके.
पिछले महीने औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 48.3 करोड़ थी, जबकि औसत दैनिक लेनदेन की वैल्यू 66,475 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यूपीआई से होने वाले लेनदेन की वैल्यू लगातार चार महीनों से 20 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुई है.
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एबीएस/एबीएम
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