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स्वावलंबी बनने की चाहत ने गोविंद को दी नई उड़ान, पीएमएफएमई योजना ने बदल दी जिंदगी

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जौनपुर, 24 जून . उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र के निवासी गोविंद मोदनवाल की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है. बेरोजगारी और कारोबारी असफलता के दौर से गुजरने के बावजूद गोविंद ने हार नहीं मानी.

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी. इस योजना के सहारे गोविंद ने बेकरी उद्योग में कदम रखा और आज वह न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि चार अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. उनका सपना है कि भविष्य में वह और अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करें.

गोविंद बताते हैं कि उन्होंने बेकरी उद्योग में पहले भी काम शुरू किया था, लेकिन कारोबार में असफलता का सामना करना पड़ा. इस असफलता ने उन्हें निराश करने के बजाय और मजबूत बनाया. उन्होंने कहा कि असफलता ने मुझे बहुत कुछ सिखाया. मैंने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखा. हमें उद्यान विभाग के माध्यम से पीएमएफएमई योजना की जानकारी मिली. इस योजना के तहत हमने आवेदन किया और हमें सरकार की तरफ से 7 लाख 53 हजार रुपये का ऋण प्राप्त हुआ, जिसमें 35 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की गई.

उन्होंने आगे कहा कि इस ऋण की मदद से हमने अपने बेकरी कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. पहले महीने में 10 से 12 हजार रुपये की कमाई करते थे, लेकिन अब योजना के लाभ और कारोबार के विस्तार के बाद हमारी मासिक आय 60 से 70 हजार रुपये हो गई है. इस योजना ने न केवल हमारी आर्थिक स्थिति को सुधारा, बल्कि हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाया. हम अपने कारोबार को और बड़ा करने की योजना बना रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकें.

गोविंद ने इस योजना को बेहद कारगर बताते हुए कहा, “पीएमएफएमई योजना मेरे जैसे छोटे उद्यमियों के लिए वरदान साबित हुई है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं. मैं अन्य युवाओं से भी अपील करता हूं कि वह इस तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं.

पीएमएफएमई योजना सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग प्रदान करती है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है. गोविंद जैसे उद्यमी इस योजना के माध्यम से न केवल अपनी जिंदगी संवार रहे हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल बन रहे हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि सही अवसर और मेहनत से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है.

एकेएस/जीकेटी

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