हैदराबाद, 3 मई . तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का मानना है कि तेलंगाना का जाति सर्वेक्षण मॉडल एक प्रभावी और समावेशी ढांचा प्रदान करता है, जिसे भारत सरकार को देश भर में जाति जनगणना करने के लिए अपनाना चाहिए.
दिल्ली में आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया कि यह बैठक भारत के इतिहास के ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर आयोजित की गई है, जब देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है.
राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर सामाजिक न्याय, बदलती विश्व व्यवस्था और आर्थिक असमानताओं तक, भारत इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर है.
पोस्ट में लिखा है, “कांग्रेस राष्ट्र के लिए एक बार फिर से आगे आने के लिए तैयार और संकल्पित है. यह स्वीकार करते हुए कि राहुल गांधी द्वारा बनाए गए दबाव के कारण जाति जनगणना की घोषणा हुई है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे कि यह सही भावना और सही तरीके से हो.”
उन्होंने कहा है कि तेलंगाना में, जाति सर्वेक्षण का डिजाइन नागरिक समाज, सामाजिक वैज्ञानिकों और सामुदायिक नेताओं की सक्रिय भागीदारी के साथ एक परामर्श और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विकसित किया गया था. एक नियमित नौकरशाही अभ्यास होने की बजाय, यह सार्वजनिक इनपुट और जांच के लिए खुला था. सीडब्ल्यूसी ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय जाति जनगणना के लिए इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाने का जोरदार आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “भारत की वर्तमान स्थिति और भविष्य के बारे में कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए शीर्ष नेतृत्व, (कांग्रेस अध्यक्ष) मल्लिकार्जुन खड़गे, (कांग्रेस संसदीय दल की नेता) सोनिया गांधी और हमारे शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद मैं प्रेरित महसूस कर रहा हूं.”
रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को केंद्र को सुझाव दिया था कि जाति जनगणना के लिए तेलंगाना मॉडल का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें सामान्य जनगणना के हिस्से के रूप में जाति जनगणना करने से पहले हर राज्य में जाति प्रोफाइल का अध्ययन करने के लिए मंत्रियों का एक समूह और एक विशेषज्ञ समिति बनाई जानी चाहिए.
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पहले राज्यों का दौरा करके राज्य सरकार और सभी हितधारकों से सुझाव लेने के लिए आम सहमति बनाने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाए. इसके बाद, जाति जनगणना के लिए संदर्भ की शर्तों पर काम करने के लिए अधिकारियों सहित विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जानी चाहिए.
–
एससीएच/एकेजे
The post first appeared on .
You may also like
जम्मू-कश्मीर और गुजरात में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.4 की तीव्रता, कोई हताहत नहीं
Hair Care: गंजेपन से बचने के लिए इन चीजों से हमेशा के लिए कर दें तौबा, वरना टकला होने में नहीं लगेगी देर 〥
IPL मैच में जब टेलेंडर के 4 गेंद में 4 चौके झेल न पाए थे मुनाफ पटेल,फिर मैदान पर हुआ था झगड़ा
उत्तराखंड में बारिश का कहर: अगले पांच दिन भारी बारिश की चेतावनी, औरेंज अलर्ट जारी
Food Poisoning : बचे हुए चावल दोबारा गर्म करके क्यों नहीं खाने चाहिए?