किंशासा, 7 अप्रैल . कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) की राजधानी किंशासा में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में कम से कम 33 लोगों की जान चली गई. अधिकारियों ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की.
उप प्रधानमंत्री और आंतरिक एवं सुरक्षा मंत्री जैकमैन शबानी ने बताया कि शुक्रवार से शनिवार की रात तक हुई तेज बारिश से राजधानी के कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ है. इस दौरान कई लोग घायल हो गए हैं और कई घर भी तबाह हो गए हैं.
इसके जवाब में सरकार ने सशस्त्र बलों, विभिन्न मंत्रालयों और किंशासा प्रांतीय सरकार के साथ मिलकर एक संकट प्रबंधन टीम बनाई है, ताकि लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके और आपातकालीन टीमें भेजी जा सकें.
बाढ़ के कारण शहर का ज्यादातर ढांचा प्रभावित हो गया है. मुख्य सड़कें पानी में डूब गई हैं और पूरे शहर में बिजली और पानी की सप्लाई में बड़ी परेशानियां आ गई हैं.
परिवहन मंत्रालय ने बताया कि एन’जिली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने-जाने वाली सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए आपातकालीन नाव सेवाएं शुरू की गई हैं.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश जारी रह सकती है, जिससे 17 मिलियन की आबादी वाले इस शहर में और ज्यादा नुकसान हो सकता है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, डीआरसी का बारिश का मौसम आमतौर पर नवंबर से मई तक रहता है.
6 अप्रैल को किंशासा के गवर्नर डैनियल बुम्बा ने कहा था कि मृतकों की संख्या अभी अस्थायी है और खोज व बचाव के काम जारी रहने पर यह बढ़ सकती है.
बुम्बा ने स्थानीय मीडिया को बताया, “हम अभी भी बचाव कार्य चला रहे हैं, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों जैसे कमजोर लोगों के लिए.”
सैन्य की मदद से मोंट-अम्बा, सालोंगो और नदानु जैसे सबसे प्रभावित इलाकों में आपातकालीन निकासी का काम जारी है.
मुख्य सड़कें पानी में डूब गईं, जिसके कारण कई इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई बाधित हो गई.
बाढ़ ऐसे समय में आई है जब देश के पूर्वी हिस्से में संघर्ष बढ़ रहा है. रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों ने साल की शुरुआत से वहां हमले तेज कर दिए हैं, जिसके कारण हाल के महीनों में 7,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं.
पूर्वी डीआरसी अपनी खनिजों की संपत्ति के कारण संघर्ष का मुख्य केंद्र बन गया है, जहां कई सशस्त्र समूह कोल्टन, टिन, टैंटालम और सोने पर कब्जा करने के लिए लड़ाई कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जनवरी के अंत से अब तक लगभग 10 लाख लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो चुके हैं, जिनमें लगभग 400,000 बच्चे भी शामिल हैं. उत्तर और दक्षिण किवु में संघर्ष जारी रहने के कारण यह संख्या और बढ़ने की संभावना है.
–
एसएचके
The post first appeared on .
You may also like
जब लोन एक बार डिफॉल्ट हो जाता है तो कितने समय के लिए CIBIL Score खराब रहता है.. लोन लेने वाले को अवश्य जानना चाहिए ⁃⁃
त्रिशक्ति नारी नाविक अभियान 'समुद्र प्रदक्षिणा' 55 दिवसीय यात्रा पर मुंबई से रवाना
बुमराह की वापसी का जोश, लेकिन कोहली ने कर दिया ठंडा, पहली ही गेंद पर उड़ाया छक्का; देखें VIDEO
भारत-पुर्तगाल बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग काे मजबूत करने पर हुए सहमत
संभल हिंसा में सांसद बर्क मंगलवार को एसआईटी के समक्ष दर्ज कराएंगे बयान