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महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष की दादागिरी जारी, असहमति की आवाज के लिए कोई जगह नहीं : मनीष दुबे

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Mumbai , 9 जुलाई . महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ के मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रवक्ता मनीष दुबे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मौजूदा सरकार पर दादागिरी का आरोप लगाया है.

उन्होंने से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष की दादागिरी चालू है. किसी से असहमति होने पर मारपीट करना कहां तक सही है? न्याय की प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. गायकवाड ने कानून से ऊपर खुद को समझ लिया है. यह कृत्य निंदनीय है और इसके लिए उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए. पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को भ्रष्टाचार का पूरा अनुभव है. भाजपा ने टूजी, कोयला और कई घोटालों पर आवाज उठाई, विरोध किया, लेकिन बाद में उन्हीं आरोपियों को अपने साथ मिला लिया. अब पूरा देश जान चुका है कि भाजपा की “वॉशिंग मशीन” कैसे काम करती है, जो भी उनके साथ आता है, उसका भ्रष्टाचार धुल जाता है. यह दोहरा मापदंड जनता देख रही है.

मनीष दुबे ने बीजेपी सांसद कंगना रनौत पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि कंगना रनौत किस्मत की धनी हैं, जो Mumbai में रहते हुए दूसरे प्रदेश से सांसद बन गईं. लेकिन, सांसद बनने के बावजूद उन्हें न तो राजनीति का अनुभव है, न ही लोगों की समस्याएं सुलझाने की समझ. उन्हें प्रशासन से काम लेना नहीं आता और न ही जनसेवा का उद्देश्य दिखता है. उनका व्यवहार हताशा दर्शाता है. लगता है वे किसी खास मकसद से राजनीति में आई थीं और वह उद्देश्य अब पूरा हो चुका है.

उन्होंने बिहार में शुरू किए गए मतदाता पुनरीक्षण अभियान की आलोचना करते हुए कहा कि इसका मकसद दो से ढाई करोड़ वोट कम करना है. महाराष्ट्र में पहले 75-80 लाख वोट बढ़ाए गए, अब बिहार में उलटा हो रहा है. यह संदेह पैदा करता है. चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी और जेडीयू के दबाव में काम कर रहे हैं.

एकेएस/एबीएम

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