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सभी लोग गलत समय-मात्रा में पीते हैं पानी, जानिए आयुर्वेद के हिसाब से पानी पीने का सही तरीका! जानिए पूरी खबर ⁃⁃

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हम सभी बचपन से ही यह सुनते आ रहे हैं कि जल ही जीवन है। स्वस्थ रहने के लिए पानी बहुत ही जरूरी है। शरीर के सभी अंगों को ठीक से काम करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। शुद्ध पानी में इतनी शक्ति होती है कि वह आपको किसी भी बीमारी से दूर कर सकता है।

ज्यादातर एक्सपर्ट्स दिन भर में 3 से 4 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं। लेकिन पानी कब पीना चाहिए और कैसे पीना चाहिए, इसके बारे में बात नहीं की जाती।

अगर आप गलत तरीके से पानी पीते हैं तो इससे आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि गर्मियों में ढेर सारा पानी पीना चाहिए। तेज धूप और पसीने में शरीर में पानी की कमी होने लग जाती है, जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। कम पानी पीने की वजह से बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है लेकिन क्या आपको पानी पीने का सही तरीका पता है।

कब पीना चाहिए गुनगुना पानी?

आयुर्वेद में सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने के फायदे के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद ऋषि भाव मिश्र ने 16वीं शताब्दी में गुनगुना पानी पीने का सही वक्त और मात्रा बताई थी। वर्तमान समय में ज्यादातर लोग पानी गलत तरीके से पी रहे हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. वारालक्ष्मी ने अपनी पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी बताई है।

इतना पानी पिएं खाली पेटimage

सुबह के समय खाली पेट पानी पीने को आयुर्वेद में उषापान कहा जाता है। आचार्य भाव मिश्र के द्वारा ऐसा बताया गया था कि आपको खाली पेट 8 prasruthi यानी 640 मिलीलीटर गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। यह तरीका स्वस्थ रहने के लिए बहुत बढ़िया बताया गया है।

पानी पीने का सही समयimage

पानी पीने के साथ-साथ पानी पीने का सही तरीका भी बहुत ही जरूरी है। अगर आप गलत तरीके से पानी का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं। आजकल देखा गया है कि ज्यादातर लोग गिलास की जगह बोतल से पानी पीते हैं। फ्रीज से ठंडा पानी निकाला और खड़े होकर बोतल से पानी पीने लगते हैं। लेकिन यह आदत बिल्कुल गलत है। इससे आपको कई नुकसान हो सकते हैं।image

इसके अलावा आयुर्वेदिक आचार्य ने उषापान के सही वक्त के बारे में भी जानकारी दी थी। डॉक्टर के अनुसार, उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय या सूरज उगने से पहले का समय सुझाया था लेकिन मौजूदा समय में लोगो की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि इस समय तक उठना सभी के लिए मुमकिन नहीं है।image

डॉक्टर वारालक्ष्मी का कहना है कि आजकल अधिकतर लोग सुबह 6:00 से 10:00 के बीच उठते हैं। आयुर्वेद इसे कफ काल कहता है और इस दौरान हमारा मेटाबॉलिज्म काफी कमजोर होता है। इसलिए इस समय इतना सारा पानी पचाना मुश्किल कार्य हो जाता है।

खाली पेट ज्यादा पानी पीने से हो सकते हैं यह नुकसानimage

अगर आप खाली पेट ज्यादा पानी का सेवन करते हैं, तो इससे ब्लोटिंग, पेट दर्द, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आपको सूरज उगने से पहले उठने का प्रयास करना चाहिए। गुनगुने पानी की मात्रा छोटे गिलास तक सीमित रखें और आपको अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है।

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