श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के एक हालिया बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। श्रीनगर में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि इस्लाम को अंतिम धर्म माना गया है और पैगंबर मोहम्मद को आखिरी पैगंबर बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करता, वह “इस्लाम का दुश्मन” है और गलत रास्ते पर जा रहा है।
राणा को भारत लाना एक उपलब्धि हैफारूक अब्दुल्ला ने यह बयान 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया। उन्होंने कहा कि राणा को भारत लाना एक उपलब्धि है, लेकिन इससे आगे भी बहुत से वादे अधूरे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कम से कम किसी को तो वापस लाए। लेकिन जो वादा किया गया था कि हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे, उसका क्या हुआ?”
इस्लाम आखिरी मजहब हैबातचीत के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने एक फतवे का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि कुरान और बाइबिल को एकसाथ रखने या मस्जिद, चर्च और यहूदी पूजा स्थल को एक जगह बनाने की कोशिशें की जा रही थीं। लेकिन फतवे में यह साफ कहा गया कि इस्लाम आखिरी मजहब है और पैगंबर मोहम्मद आखिरी नबी हैं। उन्होंने कहा, “जो इस विचारधारा के साथ खड़ा नहीं है, वह नर्क की ओर जा रहा है। और जो उनके साथ जाएगा, उसका भी वही अंजाम होगा।”
इस बयान के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विपक्षी दलों ने फारूक अब्दुल्ला पर समाज में विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है, वहीं उनके समर्थक इसे धार्मिक मान्यता का हिस्सा बता रहे हैं। बयान की पुष्टि न्यूज एजेंसी ANI द्वारा जारी एक वीडियो फुटेज में हुई है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
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