Aapki Beti Hamari Beti Yojana: हरियाणा में गरीब परिवारों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ योजना के तहत अब आर्थिक सहायता मिलने में पहले से ज्यादा समय लगेगा. सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाली राशि जारी करने की समय सीमा को 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अब लाभार्थियों को पहले की तुलना में दोगुना इंतजार करना होगा.
क्या है ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ योजना?‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ योजना हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों में बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये की राशि को LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम) में निवेश किया जाता है. यह राशि बेटी के 18 वर्ष पूरे होने के बाद परिवार को दी जाती है.
पहले 30 दिन में मिलती थी राशि, अब 60 दिन लगेंगेइस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को पहले 30 दिनों के भीतर राशि जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती थी. यदि यह राशि 30 दिनों में नहीं मिलती थी, तो लाभार्थी संबंधित सीनियर अधिकारी से शिकायत कर सकते थे. लेकिन अब सरकार ने इस समय सीमा को 60 दिन कर दिया है. जिससे इस योजना का लाभ लेने वाले परिवारों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ेगा.
सरकार ने क्यों बढ़ाई समय सीमा?सरकार ने इस योजना में देरी की मुख्य वजह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाना बताया है. हालांकि इससे गरीब परिवारों को योजना का लाभ मिलने में अधिक समय लगेगा. जिससे वे आर्थिक रूप से असहाय महसूस कर सकते हैं.
बेटी के जन्म पर मिलने वाली सहायता की प्रक्रियाअगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- बेटी के जन्म के बाद आवेदन करें – बेटी के जन्म प्रमाण पत्र के साथ निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र या जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय में आवेदन करें.
- दस्तावेज़ जमा करें – इसमें माता-पिता का आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल होते हैं.
- LIC में निवेश – आवेदन स्वीकार होने के बाद सरकार की ओर से 21,000 रुपये LIC में निवेश किए जाएंगे.
- बेटी के 18 साल पूरे होने पर भुगतान – जब बेटी 18 वर्ष की हो जाएगी. तब यह राशि उसके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी.
- वित्तीय समस्याएं बढ़ेंगी – गरीब परिवारों को तत्काल सहायता की जरूरत होती है. लेकिन अब उन्हें 60 दिन तक इंतजार करना पड़ेगा.
- ब्यूरोक्रेटिक देरी बढ़ेगी – सरकारी प्रक्रिया में देरी होने से लाभार्थियों को परेशानी हो सकती है.
- शिकायत दर्ज कराने की समय सीमा भी बढ़ी – पहले 30 दिन के अंदर शिकायत की जा सकती थी. अब यह अवधि भी 60 दिन कर दी गई है.
इस योजना की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए समय पर लाभार्थियों तक राशि पहुंचाई जाए. कई सामाजिक संगठनों और हितधारकों ने सरकार से यह अपील की है कि योजना को सुचारू रूप से लागू किया जाए ताकि गरीब परिवारों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े.
क्या सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है?हालांकि सरकार ने समय सीमा बढ़ाने का फैसला कर लिया है. लेकिन जनहित को देखते हुए इस पर पुनर्विचार किया जा सकता है. यदि लाभार्थी और सामाजिक संगठनों की ओर से सरकार पर दबाव बनाया जाता है, तो संभव है कि सरकार इसे फिर से 30 दिनों की अवधि में ला सकती है.
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