अवैध धर्मांतरण गिरोह का पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है। दुबई में बैठे पाकिस्तानी तहसीन, तनवीर और दिल्ली निवासी सुलेमान गिरोह के लिए फंडिंग करते थे। साथ ऑनलाइन दीनी तालीम भी देते थे। धर्मांतरण कराने वालों को पैसा उपलब्ध कराते थे। गिरोह के संपर्क में आईं दो युवतियों से पुलिस की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है। इनमें एक बरेली तो दूसरी देहरादून की रहने वाली है। दोनों को गिरोह ने अपने जाल में फंसाया था। बरेली की युवती गिरोह के लिए काम करने लगी थी, जबकि देहरादून की युवती तैयार नहीं थी।
सुमैया के पिता सेवानिवृत्त फौजी
वर्ष 2020 में बरेली की रहने वाली सुमैया उच्च शिक्षा के लिए देहरादून गई थी। पिता सेवानिवृत्त फौजी हैं। वो फैशन डिजाइनिंग से स्नातकोत्तर कर रही है। पढ़ाई के दौरान जेब खर्च की समस्या रहती है। उसने अपनी चचेरी बहन से बात की। उसके ऑनलाइन मल्टी लेवल मार्केटिंग का काम करने लगी।
कंपनी में बरेली की उरूज और कश्मीर के पंपोर जिले की तायबा भी साथ काम करती थीं। उरूज ने युवती से दोस्ती कर ली। दोनों आपस में बात करने लगे। इसी बीच उसने उसे धर्मांतरण के लिए बताना शुरू कर दिया। धर्म का प्रचार करने लगी। इससे संबंधित साहित्य भी उसे उपलब्ध करा दिया। वर्ष 2022 मे उरूज ने कलमा पढ़वा धर्मांतरण करा दिया। युवती का नाम सुमैया रख दिया। इसके बाद उसकी मुलाकात कश्मीर के बासित मुश्ताक से करा दी। उसने उसे रिवर्ट मुस्लिम के कई ग्रुप से जोड़ लिया।
सुमैया गिरोह के लिए करने लगी काम
दिल्ली निवासी अभिनव कपूर उर्फ अब्दुल्ला के रिवर्ट इस्लाम ग्रुप से भी जुड़ गई। पाकिस्तानी तहसीन दुबई में रहता है। वह युवती को ऑनलाइन दीनी तालीम देने लगा। ग्रुप के कई सदस्य दिल्ली के अब्दुल रहमान से भी जुड़े हुए थे। वर्ष 2022 में सुमैया दिल्ली में अब्दुल रहमान के घर गई थी। अब्दुल रहमान ने उसका निकाह रिवर्ट मुस्लिम अब्दुल्ला से करा दिया। इसके बाद वह भी धर्मांतरण गिरोह के जाल में फंस गई। वह धर्म परिवर्तन कराने के लिए युवतियों को बताने लगी। गिरोह में फंसाने लगी।
देहरादून की युवती नहीं थी तैयार
सुमैया की दोस्ती वर्ष 2021 में देहरादून क्षेत्र की युवती से थी। सुमैया के माध्यम से ही गिरोह के सदस्य उसका भी धर्मांतरण कराने का प्रयास कर रहे थे। मगर, युवती तैयार नहीं थी। गिरोह के संपर्क में रहने से युवती को कई जानकारी हाथ लगीं। युवती ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि दुबई में रह रहा पाकिस्तानी तहसीन, तनवीर और दिल्ली का सुलेमान गिरोह के लिए फंडिंग करते थे। वह दुबई से अब्दुल रहमान और आयशा के खाते में रकम भेजते थे। दोनों आरोपी इस रकम को अपने साथियों में बांटते थे। धर्म परिवर्तन वालों को भेजते थे।
सुमैया का निकाह कराया, आधार कार्ड में पता बदला
मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान ने दिल्ली में सुमैया का निकाह रिवर्ट मुस्लिम से कराया था। इसके लिए सभी कागजात भी तैयार कराए थे। उसका आधार कार्ड सुमैया के नाम से अपडेट करा अपने घर का पता दर्ज करा दिया था। वह उसका पासपोर्ट भी बनवाने वाला था। गिरोह ग्रुप में शामिल लोगों को जूम एप के माध्यम से दीनी तालीम दिया करते थे। इससे पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता था। इसमें नमाज पढ़वाई जाती थी। इसके साथ ही धर्म के बारे में भी बताया जाता था। ईमान नाम से एक ग्रुप भी बनाया हुआ था। सभी लोग इस ग्रुप के माध्यम से ही आपस में संदेश भेजते थे।
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