Single BP injection for 6 months: डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 1.28 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. इनमें से अधिकांश लोगों का ब्लड प्रेशर बिना दवाई से ठीक नहीं होता है और इन्हें रोज दवाई खानी पड़ती है.
लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा इजाद की है जिससे अगर आज खा ली जाए तो फिर 6 महीने तक हाई ब्लड प्रेशर की छुट्टी हो जाएगी. यानी 6 महीने तक ब्लड प्रेशर नॉर्मल बना रहेगा. हालांकि यह दवा इंजेक्शन है जिसे 6 महीने में एक बार लगाना पड़ेगा. इस दवा का नाम है-जिलेबेसिरन (zilebesiran). यह दवा शरीर को इस काबिल बनाती है कि लिवर एक केमिकल एंजियोटेंसिन (angiotensin) का उत्पादन को रोक सके. एंजियोटेंसिन ऐसा केमिकल है जो ब्लड वैसल्स में संकुचन को बढ़ा देता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. जिलेबेसिरन इस एंजियोटेंसिन को रोककर ब्लड वैसल्स के संकुचन को कम कर देगा जिससे ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ेगा.
रोज दवा भूलने वालों के लिए खुशखबरी इस दवा का ब्यौरा अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन साइंटिफिक सेशन 2023 में प्रस्तुत किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हर रोज दवा खाने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कई लोग ऐसे होते हैं जो रोज दवा खाना भूल जाते हैं. उनके लिए बेहद दिक्कत हो जाती है. इससे कभी भी हार्ट संबंधी परेशानियां होने का खतरा बढ़ जाता है. आजकल जिस तरह से हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं, इसमें हर इंसान को ब्लड प्रेशर चेक कराने की जरूरत है लेकिन लोग ऐसा करते नहीं है. हेल्थलाइन की खबर में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. चेंग हान चेन ने बताया कि हकीकत यह है कि हाई ब्लड प्रेशर के अधिकांश मरीज डॉक्टर द्वारा सुझाए गई दवाई को रोज नहीं ले पाते हैं. इस लिहाज से यह इंजेक्शन मील का पत्थर साबित हो सकेगा.
जिलबेसिरन ऐसे कम करेगा ब्लड प्रेशर रिसर्च में जिलबेसिरन इंजेक्शन का प्रभाव 394 लोगों पर परखा गया. इन लोगों का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 135 से 160 के बीच रहता था. सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर का मतलब है कि जब खून हार्ट के संपर्क में आता है तो यह आर्टरी पर कितनी मात्रा में प्रेशर मारता है. अध्ययन में शामिल लोगों का औसत सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 142 एमए एचजी था. इन लोगों को प्रत्येक 6 महीने पर 150 एमजी से लेकर 600 एमजी तक का इंजेक्शन दिया गया. 6 महीने के बाद परीक्षण में देखा गया कि जिन लोगों को इंजेक्शन लगाया गया था उनमें नाटकीय रूप से ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो गया. स्टेनफोर्ड मेडिसीन में हाइपरटेंशन सेंटर के डायरेक्टर डॉ. विवेक भल्ला ने बताया कि स्टडी में यह साबित हो चुका है कि यह इंजेक्शन 3 से 6 महीने तक बेहद असरदार रहता है और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को 20 तक कम कर देता है. इस इंजेक्शन की जरूरत 3 या 6 महीने में एक बार पड़ेगी. जल्दी ही यह इंजेक्शन कानूनी प्रक्रिया को पार कर बाजार में आ जाएगा.
You may also like
आज से शुरू होगा भोपाल में हज यात्रियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण
चावल के शौकीन जरूर जान लें इसके ये भयंकर नुकसान… हिल जाएगा आपका दिमाग
Palestinian Student Arrested During U.S. Citizenship Interview Over Pro-Palestine Protest Involvement
रतन टाटा की तस्वीर वाले नोटों की अफवाहें: सच्चाई क्या है?
आज कांग्रेस ईडी ऑफिस का घेराव करेगी