गुवाहाटी: संचाइता रूथ लेनिन, जिसे संचाइता भट्टाचार्जी के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों इंटरनेट पर चर्चा का विषय बनी हुई है। उसकी कहानी ने लोगों को चौंका दिया है। उसने सोशल मीडिया पर कैंसर से पीड़ित होने का दावा किया और बताया कि वह असम के एक गरीब आदिवासी क्षेत्र से है। उसने यह भी कहा कि वह अनाथ है और इलाज के लिए पैसे की कमी का सामना कर रही है।
धन उगाही का खुलासा
उसे इलाज के लिए देश-विदेश से धन प्राप्त हुआ, और उसने स्टेज-4 कैंसर का हवाला देते हुए अपनी मौत की खबर भी फैलाई। लेकिन सच यह है कि संचाइता को कभी कैंसर हुआ ही नहीं, और न ही उसकी मौत हुई। यह सब एक धोखाधड़ी थी, जिसका खुलासा उसके दोस्तों ने किया। उसने अपने दोस्तों को भी इस योजना में शामिल रखा और उनकी मदद से धन जुटाने का प्रयास किया।
दोस्तों ने खोला राज
संचाइता की एक दोस्त, रिया मुखर्जी, ने इंस्टाग्राम पर उसकी धोखाधड़ी का खुलासा किया। अंकुर, जो एक पशु अधिकार कार्यकर्ता हैं, ने भी बताया कि कैसे संचाइता ने उन्हें धोखा दिया।
अंकुर ने बताया कि जब उन्हें संचाइता के कैंसर के बारे में पता चला, तो उन्होंने उसकी मदद करने का निर्णय लिया। लेकिन सर्जरी की रात उन्हें बताया गया कि संचाइता का निधन हो गया, फिर कुछ ही मिनटों बाद उन्हें सूचित किया गया कि वह ठीक है।
फर्जी मेडिकल रिपोर्ट का खुलासा
अंकुर ने चिकित्सा दस्तावेजों की जांच की और पाया कि संचाइता ने डेंगू की रिपोर्ट को कैंसर की रिपोर्ट में बदल दिया था। उसने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज से प्राप्त रिपोर्ट में भी हेरफेर किया।
जांच में यह भी सामने आया कि संचाइता न तो अनाथ है, न ही आदिवासी, और न ही उसे कैंसर है।
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