डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो जीवनभर बनी रहती है। यह एक मेटाबॉलिक विकार है जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, जो तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता। हालांकि इसका पूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित करके एक स्वस्थ जीवन जीना संभव है।
शुगर लेवल को नियंत्रित करने के उपाय
डायबिटीज के मरीज अक्सर अपने शुगर स्तर को संतुलित रखने के लिए दवाओं और आहार का सहारा लेते हैं। इसके अलावा, एक्यूप्रेशर तकनीक भी एक प्रभावी विकल्प हो सकती है। इसके लिए, आपको अपने पैरों के तीन विशेष बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। नियमित रूप से इन बिंदुओं को दबाने से आपकी डायबिटीज नियंत्रित रह सकती है।
पैर के बिंदुओं का महत्व
पहला बिंदु: यह बिंदु पैर के अंदरूनी हिस्से में स्थित है, जो पिंडली और टखने की हड्डियों के ऊपर चार उंगलियों के पीछे पाया जाता है। इसे हल्के से दबाकर घड़ी की दिशा में तीन मिनट तक घुमाएं। यह प्रक्रिया दोनों पैरों में रोजाना करें और इसे 8 से 12 हफ्तों तक जारी रखें। इससे आपकी किडनी, लीवर और प्लीहा से संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।
दूसरा बिंदु: स्टमक-40

यह बिंदु पैर के सामने की तरफ बाहरी मेलीलस से चार इंच ऊपर स्थित है। इसे स्टमक-40 एक्यूप्रेशर बिंदु कहा जाता है। इसे हल्के से दबाते हुए घड़ी की दिशा में तीन मिनट तक घुमाएं। यह प्रक्रिया भी दोनों पैरों में रोजाना करें और इसे 8 से 12 हफ्तों तक जारी रखें। इससे आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
तीसरा बिंदु: लीवर-3
यह बिंदु पैर के अंगूठे और उसके बगल की छोटी उंगली के बीच स्थित है। इसे लीवर-3 प्रेशर कहा जाता है। इसे हल्के से दबाते हुए घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में घुमाएं। इसे दोनों पैरों में तीन मिनट तक 8 से 12 सप्ताह तक करें। इससे तनाव कम होगा और मानसिक शांति मिलेगी।
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