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उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा देने में अनिच्छा

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संपत्ति का ब्योरा देने में कर्मचारियों की अनिच्छा In UP, state employees are reluctant to give details of their property to the government, so far only…

उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी अपनी संपत्ति की जानकारी देने में हिचकिचा रहे हैं। वर्तमान में केवल 29 प्रतिशत कर्मचारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत किया है, जबकि अंतिम तिथि 31 जनवरी है। नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे 31 जनवरी तक सभी कर्मचारियों का संपत्ति विवरण अपलोड कराएं। हर साल कर्मचारियों को 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य होता है, जिसमें पिछले साल 31 दिसंबर तक की संपत्ति का विवरण देना होता है। 23 जनवरी तक की समीक्षा में यह पाया गया कि मानव संपदा पोर्टल पर पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या 8,32,679 है, जिनमें से केवल 2,42,639 ने संपत्ति का ब्योरा दिया है।


आयकर में छूट की मांग

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने केंद्रीय वित्त मंत्री से कर्मचारियों के लिए आयकर में 10 लाख रुपये तक की छूट देने की अपील की है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा, महासचिव प्रेमचंद और उप महासचिव अतुल मिश्रा ने कहा कि महंगाई के इस दौर में कर्मचारियों को अपने परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही है, इसलिए आयकर में छूट देना आवश्यक है।


पुरानी पेंशन बहाली की मांग

नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति ने 28 जनवरी को पूरे देश में शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा यूपीएस की कॉपी जलाकर यूपीएस और न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त करने की मांग करने का निर्णय लिया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि यूपीएस को लेकर शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।


वे लंबे समय से एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने एनपीएस को समाप्त नहीं किया और शिक्षकों-कर्मचारियों पर यूपीएस थोप दिया। इसलिए एनएमओपीएस पूरे देश में यूपीएस की कॉपी जलाकर अपना विरोध दर्ज करेगा। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा ने कहा कि एनपीएस और यूपीएस दोनों ही शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में नहीं हैं। इसलिए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा का सबसे अच्छा उपाय पुरानी पेंशन है।


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