दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से केवल पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। पार्टी के आठ विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इन विधायकों की जगह नए उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा गया था, जिससे उनमें असंतोष बढ़ गया था।
शाम के समय, एक के बाद एक सात विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया, और रात करीब 10 बजे मादीपुर सीट से विधायक गिरीश सोनी ने भी पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। इस तरह के इस्तीफों को आम आदमी पार्टी में अब तक की सबसे बड़ी टूट माना जा रहा है।
इन विधायकों के इस्तीफे को आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भले ही पार्टी ने इनका टिकट काट दिया था, लेकिन ये सभी लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। इस्तीफा देने वाले नेताओं में कई ऐसे हैं जो एक से अधिक बार विधायक रह चुके हैं और उनके पास क्षेत्र में एक मजबूत जनाधार है।
मौजूदा विधायक होने के नाते, उनके इस्तीफे से चुनाव में प्रतिस्पर्धा और भी दिलचस्प हो गई है। आम आदमी पार्टी ने 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अपने 16 मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरों को उतारा है।
राखी बिड़लान की चुनौतियाँ
मंगोलपुरी से विधायक रह चुकी राखी बिड़लान को इस बार मादीपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। गिरीश सोनी को हटाकर पार्टी ने बिड़लान को टिकट दिया है। लेकिन सोनी के इस्तीफे ने बिड़लान के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लाइव हिन्दुस्तान से बातचीत में सोनी ने कहा कि बिड़लान को उम्मीदवार बनाए जाने से पहले उनसे कोई चर्चा नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने स्थानीय नेताओं से बात किए बिना अचानक उम्मीदवार की घोषणा कर दी। सोनी ने यह भी कहा कि पार्टी अब अपने मूल रास्ते से भटक चुकी है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
कौन-कौन से विधायकों ने छोड़ा साथ?
कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया। पालम सीट से विधायक भावना गौड़ ने भी पार्टी को झटका दिया है। महरौली से विधायक नरेश यादव ने भी इस्तीफा दिया है। नरेश यादव को पहले पार्टी ने टिकट दिया था, लेकिन विवाद के बाद उनका टिकट काट दिया गया था।
त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित मेहरौलिया, आदर्श नगर से पवन शर्मा, बिजवासन से बी एस जून और जनकपुरी से राजेश ऋषि ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
AAP की प्रतिक्रिया
इस्तीफा देने वाले विधायकों की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पार्टी द्वारा कराए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के लिए उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। गुप्ता ने कहा, 'हमने सर्वे के नतीजों के आधार पर उन्हें टिकट नहीं दिया। अब जब वे दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह राजनीति का हिस्सा है।'
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