गुरुग्राम से एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपने बेटे की हत्या के मामले में न्याय पाने के लिए 8 साल तक संघर्ष किया। जीतेंद्र चौधरी ने अपने बेटे अमित चौधरी की मौत के बाद पुलिस और अदालतों के चक्कर काटे। 2015 में एक सड़क दुर्घटना में अमित की जान चली गई, जब वह अपने चाचा के साथ टहल रहा था। एक तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस दुखद घटना के बाद जीतेंद्र ने पुलिस से बार-बार गुहार लगाई कि मामले की फिर से जांच की जाए, लेकिन जब कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने खुद ही हत्यारे की खोज शुरू की। उन्होंने दुर्घटना स्थल पर एक साइड मिरर पाया और विभिन्न गैराजों में जाकर जानकारी जुटाई। एक मैकेनिक ने बताया कि यह मिरर स्विफ्ट वीडीआई का है, जिससे उन्हें एक नई उम्मीद मिली।
जीतेंद्र ने इस जानकारी के साथ पुलिस को फिर से संपर्क किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः, उन्होंने 2016 में अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्होंने मामले को फिर से खोलने की अपील की। हालांकि, पुलिस ने फिर से वही जवाब दिया कि कार और ड्राइवर का कोई पता नहीं है।
जीतेंद्र की कोशिशें जारी रहीं, और 2023 में अदालत ने माना कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। अदालत ने मामले की फिर से जांच का आदेश दिया, लेकिन पुलिस की लापरवाही जारी रही।
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