साधु और अघोरी बाबा लंबे बाल क्यों रखते हैं? जानें यहाँ | GK Hindi General Knowledge : महाकुंभ का आयोजन अब केवल 8 दिन दूर है! इस बार महाकुंभ में 1 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसमें देशभर से कई साधु संत भी शामिल होंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि साधु-संतों के लंबे बालों का क्या कारण है? अधिकांश साधुओं के सिर पर भारी जूड़ा और उलझे हुए बाल होते हैं, जो अक्सर उनके शरीर से भी लंबे होते हैं। आज हम इस पर चर्चा करेंगे।
प्रयागराज में महाकुंभ
इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। इस महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु आएंगे, खासकर संत समाज के लोग। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें बड़े जटाओं वाले बाबा प्रयागराज पहुंच चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साधु लंबे बाल क्यों रखते हैं? आइए, इसके पीछे के कारणों को समझते हैं।
बाल रखने का धार्मिक महत्व
साधु-महात्माओं के लंबे बाल रखने का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। हिंदू धर्म में लंबे बालों को आध्यात्मिक ऊर्जा और तपस्या का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि बालों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा प्रवाहित होती है। शिव भक्तों के लिए भगवान शिव की जटाजूट का पालन करना धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
आध्यात्मिक महत्व
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, लंबे बाल साधुओं को अपनी ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करते हैं। कुछ स्थानों पर यह मान्यता है कि लंबे बाल शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। साधु बाल कटवाने से बचते हैं, क्योंकि वे इसे प्रकृति का हिस्सा मानते हैं।
तपस्या में लीन होना
साधु-महात्माओं के लंबे बाल रखने का एक और कारण यह है कि वे अक्सर तपस्या के लिए पहाड़ों और शांत स्थानों पर जाते हैं। वहाँ वे ध्यान में इतने लीन हो जाते हैं कि उन्हें अन्य चीजों की चिंता नहीं रहती। वे सांसारिक मोह-माया को पीछे छोड़कर वहाँ पहुँच जाते हैं।
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