गुरु का गोचर हो चुका है और अब देवगुरु बृहस्पति अगले एक वर्ष तक मिथुन राशि में स्थित रहेंगे। इसके साथ ही गुरु की चाल भी अतिचारी हो गई है, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह से पड़ेगा।
ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह ज्ञान, धर्म, शिक्षा, सौभाग्य और सुख का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में गुरु शुभ होता है, वे अक्सर ज्ञानी और भाग्यशाली माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि अतिचारी गुरु किन राशियों को लाभ पहुंचाएंगे।
वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु की यह चाल सकारात्मक है। यह आर्थिक समृद्धि का संकेत देती है, जिससे आपकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। निवेश से भी लाभ मिलने की संभावना है।
मिथुन राशि के जातकों को भी गुरु का गोचर लाभ पहुंचाएगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, और अविवाहितों के लिए विवाह के अवसर बन सकते हैं। नई नौकरी मिलने की भी संभावना है।
कन्या राशि के लिए भी गुरु की चाल शुभ है। इन जातकों को प्रमोशन मिल सकता है, और जिम्मेदारियों के साथ-साथ सम्मान भी बढ़ेगा। सरकारी लाभ की संभावना भी है।
हालांकि, कर्क, वृश्चिक और मकर राशि के जातकों पर गुरु की चाल नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इन जातकों को धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं और कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। खर्च आय से अधिक हो सकते हैं, जिससे तनाव बढ़ सकता है। अन्य राशियों पर गुरु की चाल का मिश्रित प्रभाव देखने को मिल सकता है।