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गेहूं और बेसन की रोटी: सेहत के लिए फायदेमंद विकल्प

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गेहूं की रोटी का महत्व

भारत में गेहूं की रोटी एक लोकप्रिय भोजन है, जिसे अधिकांश घरों में प्राथमिकता दी जाती है। इसकी व्यापक खपत के कारण, लोग इसे अपने दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।


पौष्टिकता बढ़ाने के उपाय

आर्यवैदिक विशेषज्ञ डा. पूजा के अनुसार, यदि आप अपनी रोटी को और अधिक पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो इसमें बेसन, यानी काले चने का आटा मिलाना एक अच्छा विकल्प है। इससे रोटी की पौष्टिकता में वृद्धि होती है।


उन्होंने बताया कि इस मिश्रण से आपको दोनों अनाजों के पोषक तत्व मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। बाजार से आटा खरीदने के बजाय, घर पर गेहूं को पिसवाकर आटा तैयार करें और साथ में काले चने का आटा भी पिसवाएं।


बेसन और गेहूं की रोटी के फायदे

डा. पूजा ने बताया कि जब आप गेहूं के आटे में अन्य अनाज का आटा मिलाते हैं, तो यह अधिक पौष्टिक बनता है। इससे आटे में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है।


एक मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं के आटे में बेसन या अन्य दालों का आटा मिलाकर इसे प्रोटीन से भरपूर बनाया जा सकता है। यह न केवल शुगर लेवल को नियंत्रित करता है, बल्कि वजन कम करने में भी मदद करता है।


पाचन और वजन प्रबंधन

जब आप बेसन को आटे में मिलाकर रोटी बनाते हैं, तो इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा दोगुनी हो जाती है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। कम कैलोरी और उच्च फाइबर के कारण, आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम होता है।


डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण

काले चने का आटा या बेसन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यदि आप बेसन की रोटी का सेवन करते हैं, तो यह शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।


इसके अलावा, यदि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल उच्च है, तो गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी बनाना एक अच्छा उपाय है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।


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