आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली में हार्ट अटैक एक आम समस्या बन गई है। हाल के दिनों में कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां लोग हंसते-खेलते अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो गए और उनकी जान चली गई। यहां तक कि जिम में वर्कआउट करते समय भी कई लोग इस गंभीर स्थिति का सामना कर चुके हैं। इस प्रकार की घटनाओं ने लोगों में डर पैदा कर दिया है, जिससे जागरूकता की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
हार्ट अटैक के लक्षण और प्राथमिक उपचार
विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान करना बेहद महत्वपूर्ण है। मुख्य लक्षणों में सीने में तेज दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इसके अलावा, गर्दन, कंधे, पीठ और बाहों में भी दर्द हो सकता है। व्यक्ति को अत्यधिक थकान और चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है।
यदि हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई दें, तो सबसे पहले एंबुलेंस या चिकित्सा सहायता प्राप्त करने का प्रयास करें। पीड़ित को आरामदायक स्थिति में लिटाना आवश्यक है। उसे समतल सतह पर लिटाएं और सुनिश्चित करें कि उसे पर्याप्त ऑक्सीजन मिले। यदि वह टाइट कपड़े पहने हुए है, तो उन्हें ढीला करें।
ब्लड क्लॉटिंग से बचने के लिए एस्पिरिन दी जा सकती है, लेकिन ध्यान रखें कि यदि व्यक्ति का रक्तचाप पहले से कम है, तो एस्पिरिन का सेवन उचित नहीं है। सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के माध्यम से रक्त के प्रवाह को सामान्य करने का प्रयास करें। सीपीआर करते समय, दोनों हाथों को जोड़कर छाती को 100-120 बार दबाएं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सीपीआर हार्ट अटैक का इलाज नहीं है, बल्कि यह एक अस्थायी उपाय है।
सीपीआर के बाद, जितनी जल्दी हो सके, मरीज को चिकित्सा सहायता मिलनी चाहिए ताकि किसी भी गंभीर स्थिति से बचा जा सके।
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