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हाई ब्लड प्रेशर: जानें इसके कारण और नियंत्रण के उपाय

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हाई ब्लड प्रेशर की बढ़ती समस्या

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। भारत में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं, और यह जानलेवा भी हो सकता है।


हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, क्योंकि अधिकांश लोग इसके लक्षणों से अनजान रहते हैं। पहले इसे केवल वयस्कों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब यह बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। एक बार दवा शुरू करने पर इसे रोकना आसान नहीं होता, इसलिए इससे बचाव करना ही बेहतर है।


ब्लड प्रेशर की परिभाषा

ब्लड प्रेशर वह दबाव है जो रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है। डॉक्टर इसे मापने के लिए स्फिग्नोमैनोमीटर का उपयोग करते हैं। जब रबर के ब्लैडर को दबाया जाता है, तो पट्टा कसता है और प्रेशर रिलीज करते समय ध्वनि सुनाई देती है, जिससे दो आंकड़े प्राप्त होते हैं।


हाई ब्लड प्रेशर के मानक

आदर्श ब्लड प्रेशर 120/80 माना जाता है। इसमें पहली संख्या सिस्टोलिक और दूसरी संख्या डायस्टोलिक प्रेशर को दर्शाती है। यदि ब्लड प्रेशर 140/90 से अधिक हो जाए, तो इसे हाईपरटेंशन माना जाता है।


रक्तचाप बढ़ने के कारण

रक्तचाप बढ़ने के कई कारण हैं, जैसे आनुवांशिकता, अधिक नमक का सेवन, मोटापा, तनाव, गर्भावस्था, धूम्रपान, शराब, किडनी रोग, और जंक फूड।


कोलेस्ट्रॉल का जमा होना भी रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।


उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के उपाय

नमक का सेवन कम करें। एक दिन में एक चम्मच नमक पर्याप्त है। लो-सोडियम सॉल्ट का उपयोग करें और सप्ताह में एक बार बिना नमक का भोजन करें।


पैकेज्ड और फ्रोज़न फूड से बचें, क्योंकि इनमें अधिक नमक और प्रिजर्वेटिव होते हैं।


हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के उपाय

वजन कम करें, तनाव को नियंत्रित करें, पर्याप्त नींद लें, और संतुलित आहार लें जिसमें पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम हो।


धूम्रपान छोड़ें और नियमित व्यायाम करें।


आयुर्वेदिक उपाय

हाई ब्लड प्रेशर के लिए दालचीनी का पाउडर गर्म पानी के साथ लेना फायदेमंद हो सकता है।


लो ब्लड प्रेशर के लिए मेथी दाना का सेवन करें।


अर्जुन की छाल का पाउडर भी उपयोगी है।


बेल के पत्ते और देसी गाय का मूत्र भी प्रभावी उपाय हैं।


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