शेयर मार्केट में गुरुवार को तेज़ी रही और निफ्टी ने 25500 का अहम रजिस्टेंस लेवल पार कर लिया. इस बीच मार्केट में स्टॉक स्पेसिफिक खबरें भी आईं. Vodafone Idea Ltd के शेयर प्राइस पर पिछले दो ट्रेडिंग सेशन से असर देखा जा रहा है. वोडाफोन आइडिया के शेयर गुरुवार को 1.12% की तेज़ी के साथ 7.21 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी की मार्केट कैप 78.55 हज़ार करोड़ रुपए है.
कंपनी में राहत की खबरें हैं, जिनका असर स्टॉक प्राइस पर हो रहा है. वोडाफोन-आइडिया को बचाने के लिए एक बार फिर सरकार सामने आई है. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने साफ कहा है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के लिए सिर्फ दो कंपनियों का होना ठीक बात नहीं, क्योंकि प्रतिस्पर्धा बनी रहनी चाहिए. यही वजह है कि सरकार ने एक बार फिर वोडा-आइडिया को बचाने पर विचार शुरू किया है. इससे पहले सरकार ने कहा था कि अब वोडा-आइडिया को और राहत नहीं दी जा सकती है.
स्टॉक में न्यूज़ फ्लोपिछले महीने ही वोडा-आइडिया के शीर्ष अधिकारी ने भी कहा था कि अगर कंपनी को सरकार की मदद नहीं मिलती है तो फिर वह मार्च, 2026 के बाद अपना कामकाज नहीं चला सकती है. एक बार फिर सरकार का प्रस्ताव मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में भी तेजी दिख रही है.
खबरें आ रही हैं कि कंपनी अपने नेटवर्क को मजबूत करने और बड़ी प्रतिद्वंद्वियों के साथ बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बैंकों से 25,000 करोड़ रुपये का ऋण जुटाना चाहती है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार , वोडाफोन आइडिया लगभग 25,000 करोड़ रुपये (2.9 बिलियन डॉलर) का ऋण लेने के लिए ऋणदाताओं से बात कर रही है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) संभवतः ऋणदाताओं के संघ का नेतृत्व करेगा.
अगर वोडाफोन आइडिया को वित्तीय मदद मिलती है तो देखना होगा कि कंपनी का कर्ज़ किस हद तक कम हो सकता है. कर्ज़ कम हुआ तो स्टॉक प्राइस में तेज़ी आ सकती है. वोडाफोन आइडिया के शेयर प्राइस 11 रुपए तक के भाव पर दिख सकते हैं.
स्पेक्ट्रम बकाया का इक्विटी में कन्वर्ज़नमार्च 2025 तक सरकार ने कंपनी के 36,950 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी शेयरों में बदलने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद सरकार की हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर 48.99% हो गई. यह कदम कंपनी को कैश फ्लो में राहत दे सकता है, क्योंकि इसे अब तुरंत भारी भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
दिसंबर 2024 में सरकार ने 2012, 2014, 2016, और 2021 की स्पेक्ट्रम नीलामियों के लिए बैंक गारंटी की शर्त को माफ कर दिया।इससे कंपनी को लगभग ₹24,800 करोड़ की बैंक गारंटी जमा करने की आवश्यकता से राहत मिली, जिससे उसका कैश फ्लो बेहतर हुआ.
इन राहत पैकेजों से कंपनी का कैश फ्लो बेहतर होगा, जिससे वह अपने 4G और 5G नेटवर्क के विस्तार में निवेश कर सकती है. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले वोडाफोन आइडिया का नेटवर्क और ग्राहक आधार कमजोर हो रहा है.
कंपनी में राहत की खबरें हैं, जिनका असर स्टॉक प्राइस पर हो रहा है. वोडाफोन-आइडिया को बचाने के लिए एक बार फिर सरकार सामने आई है. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने साफ कहा है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के लिए सिर्फ दो कंपनियों का होना ठीक बात नहीं, क्योंकि प्रतिस्पर्धा बनी रहनी चाहिए. यही वजह है कि सरकार ने एक बार फिर वोडा-आइडिया को बचाने पर विचार शुरू किया है. इससे पहले सरकार ने कहा था कि अब वोडा-आइडिया को और राहत नहीं दी जा सकती है.
स्टॉक में न्यूज़ फ्लोपिछले महीने ही वोडा-आइडिया के शीर्ष अधिकारी ने भी कहा था कि अगर कंपनी को सरकार की मदद नहीं मिलती है तो फिर वह मार्च, 2026 के बाद अपना कामकाज नहीं चला सकती है. एक बार फिर सरकार का प्रस्ताव मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में भी तेजी दिख रही है.
खबरें आ रही हैं कि कंपनी अपने नेटवर्क को मजबूत करने और बड़ी प्रतिद्वंद्वियों के साथ बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बैंकों से 25,000 करोड़ रुपये का ऋण जुटाना चाहती है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार , वोडाफोन आइडिया लगभग 25,000 करोड़ रुपये (2.9 बिलियन डॉलर) का ऋण लेने के लिए ऋणदाताओं से बात कर रही है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) संभवतः ऋणदाताओं के संघ का नेतृत्व करेगा.
अगर वोडाफोन आइडिया को वित्तीय मदद मिलती है तो देखना होगा कि कंपनी का कर्ज़ किस हद तक कम हो सकता है. कर्ज़ कम हुआ तो स्टॉक प्राइस में तेज़ी आ सकती है. वोडाफोन आइडिया के शेयर प्राइस 11 रुपए तक के भाव पर दिख सकते हैं.
स्पेक्ट्रम बकाया का इक्विटी में कन्वर्ज़नमार्च 2025 तक सरकार ने कंपनी के 36,950 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी शेयरों में बदलने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद सरकार की हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर 48.99% हो गई. यह कदम कंपनी को कैश फ्लो में राहत दे सकता है, क्योंकि इसे अब तुरंत भारी भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
दिसंबर 2024 में सरकार ने 2012, 2014, 2016, और 2021 की स्पेक्ट्रम नीलामियों के लिए बैंक गारंटी की शर्त को माफ कर दिया।इससे कंपनी को लगभग ₹24,800 करोड़ की बैंक गारंटी जमा करने की आवश्यकता से राहत मिली, जिससे उसका कैश फ्लो बेहतर हुआ.
इन राहत पैकेजों से कंपनी का कैश फ्लो बेहतर होगा, जिससे वह अपने 4G और 5G नेटवर्क के विस्तार में निवेश कर सकती है. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले वोडाफोन आइडिया का नेटवर्क और ग्राहक आधार कमजोर हो रहा है.
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