नई दिल्ली: आयकर रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन नौकरी करने वाले लोगों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा क्योंकि कंपनियों ने फॉर्म-16 अभी नहीं दिया है. फॉर्म-16 मिलने के बाद ही सैलरी वाले लोग आसानी से अपना रिटर्न भर सकते हैं. इस बार इनकम टैक्स के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, खासकर टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन टैक्स को लेकर. इसी वजह से ITR फॉर्म्स में भी कुछ नए बदलाव हुए हैं.
अगर आपकी आमदनी सिर्फ सैलरी, पेंशन, एक घर से किराया, बैंक में जमा पैसों पर ब्याज, डिविडेंड और 5,000 रुपये तक की खेती की आय से होती है और आपकी कुल आमदनी 50 लाख रुपये से कम है, तो आप ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं. इसे सहज फॉर्म भी कहते हैं. इस बार एक अच्छी बात ये है कि अब जिन लोगों को 1.25 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) हुआ है, वे भी ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं, जो पहले नहीं कर सकते थे.
ITR-1
लेकिन ITR-1 हर किसी के लिए नहीं है. अगर आपकी आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा है, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये से ज्यादा है, आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं, आपके पास अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, आपने विदेश से कमाई की है या वहां कोई संपत्ति है, या फिर आपने पहले कोई नुकसान दिखाया है जिसे आगे ले जाना है तो आप ITR-1 नहीं भर सकते.
ITR-2
ऐसे लोगों के लिए ITR-2 फॉर्म है. अगर आप नौकरी करते हैं या पेंशन लेते हैं लेकिन आपकी आमदनी कई स्रोतों से आती है या जरा जटिल है (जैसे दो घर, शेयर से प्रॉफिट, विदेश से कमाई आदि), तो ITR-2 फॉर्म भरना होगा. ITR-2 सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनका कोई बिजनेस या खुद का पेशा (जैसे डॉक्टर, वकील आदि) नहीं है, लेकिन उनकी इनकम ITR-1 से ज्यादा जटिल है.
कुल मिलाकर, अगर आपकी इनकम सीधी-सादी है और ₹50 लाख से कम है तो ITR-1, और अगर इनकम ज्यादा या थोड़ी पेचीदा है तो ITR-2 सही रहेगा.
अगर आपकी आमदनी सिर्फ सैलरी, पेंशन, एक घर से किराया, बैंक में जमा पैसों पर ब्याज, डिविडेंड और 5,000 रुपये तक की खेती की आय से होती है और आपकी कुल आमदनी 50 लाख रुपये से कम है, तो आप ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं. इसे सहज फॉर्म भी कहते हैं. इस बार एक अच्छी बात ये है कि अब जिन लोगों को 1.25 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) हुआ है, वे भी ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं, जो पहले नहीं कर सकते थे.
ITR-1
लेकिन ITR-1 हर किसी के लिए नहीं है. अगर आपकी आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा है, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये से ज्यादा है, आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं, आपके पास अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, आपने विदेश से कमाई की है या वहां कोई संपत्ति है, या फिर आपने पहले कोई नुकसान दिखाया है जिसे आगे ले जाना है तो आप ITR-1 नहीं भर सकते.
ITR-2
ऐसे लोगों के लिए ITR-2 फॉर्म है. अगर आप नौकरी करते हैं या पेंशन लेते हैं लेकिन आपकी आमदनी कई स्रोतों से आती है या जरा जटिल है (जैसे दो घर, शेयर से प्रॉफिट, विदेश से कमाई आदि), तो ITR-2 फॉर्म भरना होगा. ITR-2 सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनका कोई बिजनेस या खुद का पेशा (जैसे डॉक्टर, वकील आदि) नहीं है, लेकिन उनकी इनकम ITR-1 से ज्यादा जटिल है.
कुल मिलाकर, अगर आपकी इनकम सीधी-सादी है और ₹50 लाख से कम है तो ITR-1, और अगर इनकम ज्यादा या थोड़ी पेचीदा है तो ITR-2 सही रहेगा.
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