आज हम आपको दिल्ली की रहने वाली एक साधारण सी लड़की की कहानी के बारे में बताने वाले हैं. हम बात कर रहे हैं अशिता सिंघल की. अशिता सिंघल एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं. उन्होनें अपने दम पर करोड़ों रुपये का फैशन ब्रांड खड़ा किया है, जिसका नाम पैवंद स्टूडियो प्रा. लि. (Paiwand Studio Pvt Ltd) है. यह ब्रांड टेक्सटाइल कचरे से कपड़े बनाता है. इस कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है. आइए जानते हैं अशिता सिंघल की सफलता की कहानी के बारे में.
पढ़ाई के दौरान आया बिजनेस आइडियाअशिता दिल्ली की एक अपर मिडिल-क्लास परिवार से आती है. उनके पिता का इलेक्ट्रिक वायर और केबल का बिजनेस है. अशिता एक फैशन डिजाइनर हैं. जब वह फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी, तब उन्हें इस बिजनेस का आइडिया आया. उन्होंने देखा कि कपड़े के उत्पादन होने में भारी अपशिष्ट पैदा होता है. इसमें मूल्यवान कपड़े के टुकड़े और स्क्रैप लैंडफिल फेंक दिए जाते हैं. ऐसे में अशिता ने पिछले 6-7 सालों में 30,000 किलोग्राम से ज्यादा के टेक्सटाइल वेस्ट को दोबारा इस्तेमाल किया.
साल 2018 में कारोबार की शुरुआतअशिता ने साल 2018 में 20 लाख रुपये के निवेश के साथ पैवंद स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी की स्थापना की. यह कंपनी डिजाइनर, ब्रांडों और संगठनों से टेक्सटाइल वेस्ट को लेती है और फिर हथकरघा बुनाई, हाथ की कढ़ाई और पैचवर्क जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके नए डिजाइनर कपड़े बनाती है. यह कपड़े फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर और होटल अलग-अलग उद्देश्यों से इस्तेमाल करते हैं.
अभी तक उस ब्रांड ने 50,000 मीटर से अधिक पुनरुत्पादित कपड़े बेचे हैं. इससे वेस्ट तो कम होता ही है साथ में पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता है. शुरूआत में अशिता को परिवार का समर्थन नहीं मिला लेकिन धीरे धीरे परिवार ने भी अशिता का साथ दिया.
अशिता ने नोएडा में 2000 वर्ग फीट में स्टूडियो से शुरुआत की थी. आज उनका स्टूडियो 7000 वर्ग फीट में फैला हुआ है. इसमें 12 हथकरघा और 35 कर्मचारी हैं. अशिता का 80 प्रतिशत कारोबार बी2बी है. अशिता बी3सी पर भी काम करती है.
पढ़ाई के दौरान आया बिजनेस आइडियाअशिता दिल्ली की एक अपर मिडिल-क्लास परिवार से आती है. उनके पिता का इलेक्ट्रिक वायर और केबल का बिजनेस है. अशिता एक फैशन डिजाइनर हैं. जब वह फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी, तब उन्हें इस बिजनेस का आइडिया आया. उन्होंने देखा कि कपड़े के उत्पादन होने में भारी अपशिष्ट पैदा होता है. इसमें मूल्यवान कपड़े के टुकड़े और स्क्रैप लैंडफिल फेंक दिए जाते हैं. ऐसे में अशिता ने पिछले 6-7 सालों में 30,000 किलोग्राम से ज्यादा के टेक्सटाइल वेस्ट को दोबारा इस्तेमाल किया.
साल 2018 में कारोबार की शुरुआतअशिता ने साल 2018 में 20 लाख रुपये के निवेश के साथ पैवंद स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी की स्थापना की. यह कंपनी डिजाइनर, ब्रांडों और संगठनों से टेक्सटाइल वेस्ट को लेती है और फिर हथकरघा बुनाई, हाथ की कढ़ाई और पैचवर्क जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके नए डिजाइनर कपड़े बनाती है. यह कपड़े फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर और होटल अलग-अलग उद्देश्यों से इस्तेमाल करते हैं.
अभी तक उस ब्रांड ने 50,000 मीटर से अधिक पुनरुत्पादित कपड़े बेचे हैं. इससे वेस्ट तो कम होता ही है साथ में पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता है. शुरूआत में अशिता को परिवार का समर्थन नहीं मिला लेकिन धीरे धीरे परिवार ने भी अशिता का साथ दिया.
अशिता ने नोएडा में 2000 वर्ग फीट में स्टूडियो से शुरुआत की थी. आज उनका स्टूडियो 7000 वर्ग फीट में फैला हुआ है. इसमें 12 हथकरघा और 35 कर्मचारी हैं. अशिता का 80 प्रतिशत कारोबार बी2बी है. अशिता बी3सी पर भी काम करती है.
You may also like
गृह मंत्री अमित शाह से मिले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्य के लिए मांगा विशेष पैकेज
कांग्रेस पार्टी की बांटो और राज करो की नीति रही है : गौरव वल्लभ
कार्टून: ट्रंप पीड़ित
इजरायल ने तैयार किया Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम, क्या ईरान की सभी बैलिस्टिक मिसाइलों को कर लेगा इंटरसेप्ट, जानिए क्षमता?
एबीवीपी का सदस्यता अभियान चलेगा 15 से 30 तक : राठौड़