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14.82 ट्रिलियन का कर्ज, भारत की वित्त वर्ष 2025-26 की उधारी रणनीति

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22 सितंबर 2025 को जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं। जिसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण नें फाइनेंशियल एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि भारत सरकार नें 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष के लिए 14.82 ट्रिलियन रुपये उधार लेने की योजना बनाई है। वित्त मंत्री ने यह बताया कि इस साल के उधारी कैलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।



बढ़ेगी खरीदारीवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि त्योहारों से पहले उपभोग और घरेलू इस्तेमाल की चीजों को सस्ता बनाया जा रहा है। ताकि लोगों की खरीदारी क्षमता बढ़ सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी निवेश के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी डिमांड बढ़ने के लिए निवेश करना चाहिए। सरकार को यह उम्मीद है कि निजी कंपनियां निवेश बढ़ाएगी। पहले निजी कंपनियों को यह लगता था की डिमांड नहीं बढ़ेगी इसलिए वे रिस्क लेकर निवेश नहीं करते थे। लेकिन अब जब सरकार जीएसटी की नई दरे लागू करने जा रहे हैं तो इस जीएसटी रिफॉर्म से डिमांड में वृद्धि होगी। डिमांड बढ़ने से सरकार को यह उम्मीद है कि निजी कंपनियां अपने निवेश में और बढ़ोतरी करेगी।



कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का भी हुआ था फायदावित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने इंटरव्यू में यह भी बताया कि जब साल 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की गई थी तो उसे समय भी उसे कटौती का फायदा प्राइवेट सेक्टर को हुआ था। हालांकि उसे समय निवेश उतना नहीं बढ़ पाया जीतने की उम्मीद की जा रही थी। क्योंकि कंपनियों को यह डर था कि यदि डिमांड नहीं बड़ी तो जोखिम लेना परेशानी का कारण बन सकता है। जीएसटी रिफॉर्म के बाद में निजी कंपनियों का यह डर भी खत्म हो जाएगा।



पहली तिमाही में सबसे कम निवेशकुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी भी निजी कंपनियों के पास निवेश के लिए लगभग 13.5 लाख करोड रुपए जमा है। इस पित्त वर्ष की शुरुआती पहली तिमाही के का निवेश पिछले कई तिमाहियों में सबसे कम रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल सरकार अब सब अकेले नहीं कर सकती है प्राइवेट सेक्टर को आगे आकर और काम करना होगा। बाकी देश का विकास हो जीएसटी रिफॉर्म का फायदा बड़े स्तर पर प्राइवेट सेक्टर को मिलेगा।

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