कोरबा, 30 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन चुकी है। यह योजना न केवल सभी को राहत पहुंचा रही है बल्कि बचत का माध्यम बन गई है।
इस योजना की सफलता की एक प्रेरणादायक मिसाल हैं कोरबा जिले के शुभेंदु घोष, जो बालको के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और वर्तमान में राजेंद्र प्रसाद नगर, कोरबा में रहते हैं। प्रकृति प्रेमी और ऊर्जा संरक्षण के प्रति सजग श्री घोष ने इस योजना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त की। पूरी प्रक्रिया को समझने के बाद उन्होंने न सिर्फ योजना में रुचि दिखाई, बल्कि तीन किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल अपने घर पर लगवाकर इसे साकार भी कर दिखाया।
इस पहल के लिए उन्हें केंद्र सरकार की ओर से ₹78,000 की सब्सिडी भी प्राप्त हुई, जो योजना की लागत का एक बड़ा हिस्सा है। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगने के बाद से उनके घर का बिजली बिल अब शून्य के करीब है — इतना ही नहीं, कभी-कभी तो यूनिट माइनस में चले जाते हैं। उनके द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली ग्रिड में ट्रांसफर होती है जिससे उन्हें आमदनी का एक नया स्रोत भी मिला है।
श्री घोष ने बताया कि उन्हें प्रकृति से विशेष लगाव है। उनका मानना है कि सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा न केवल निःशुल्क है, बल्कि यह एक स्थायी समाधान भी है। उनका यह भी मानना है कि ऊर्जा उत्पादन में लगने वाली प्राकृतिक संसाधनों की खपत और कठिन श्रम को समझते हुए, अब समय आ गया है कि हम सभी स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ें। सौर ऊर्जा इसका सबसे प्रभावशाली माध्यम है।
उन्होंने आसपास के लोगों को भी इस योजना के प्रति जागरूक किया और कहा, जब प्रकृति हमें इतनी शक्ति देती है, तो हमें उसका उपयोग जिम्मेदारी से करना चाहिए। आज मैंने सौर ऊर्जा अपनाई है, कल आप भी अपनाइए – पर्यावरण और अगली पीढ़ी दोनों को बचाइए।
अब वह योजना के सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं। उनके परिचितों के कई अन्य परिवारों ने भी उनकी प्रेरणा से इस योजना के अंतर्गत आवेदन किया और सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनके अनुभव ने अन्य परिवारों को आत्मनिर्भरता और पर्यावरण-संवेदनशीलता की राह दिखाई है।
श्री घोष ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा इस योजना ने न सिर्फ बिजली को शून्य किया है, बल्कि मुझे समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करने का अवसर भी दिया। यह एक क्रांतिकारी पहल है जो आने वाले समय में देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं रही, बल्कि यह हर उस नागरिक के लिए नई उम्मीद का सूरज बन चुकी है जो बचत, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को अपनी प्राथमिकता मानता है।
हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी
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